Kumbh2019: नागा साधु संत बने आकर्षण का केन्द्र

punjabkesari.in Sunday, Jan 27, 2019 - 04:24 PM (IST)

प्रयागराजः संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा भारत के जिस कुंभ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी है, उसी में देश के कोने कोने से आए नागा साधु संत आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।  

कुंभ भारतीय सभ्यता की ऐसी विशाल तस्वीर है जिसमें आस्था के साथ रहस्य, रोमांच से भरी नागा सन्यासियों और साधुओं की दुनिया पग पग पर देखने को मिलती है। कुंभ में एक से बढ़कर एक बाबा आए हैं। उससे भी बढ़कर उनका रहस्यमयी संसार है। कोई चुप रहकर बन गया है साइलेंट बाबा, तो कोई सोने से लदकर बन गया है गोल्डन बाबा, कोई एक टांग पर सालों खड़े होकर बना है खड़ेश्वर बाबा, तो किसी ने सालों से सीधा नहीं किया अपना एक हाथ, तो किसी ने अपने सिर को बना लिया है जटाओं का जंगल। 

कुंभ के अवसर पर पाप नाशिनी गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर अपनी आस्था को आयाम देते हैं। भस्म जिनका आभूषण, जटा जिनका मुकुट, निवस्त्र, हाथो में त्रिशूल लिए, चिलम के कश में मस्त, जुबान पर हर हर महादेव अपनी धुन में मगन रहने वाले नागा संन्यासियों से कुंभ की शोभा हैं। 

 

Ruby