कुंभ: प्रशासन के रूखे व्यवहार से स्नानार्थी क्षुब्ध, कहा-हे बाबू एहसन दुर्व्यवस्था पहले कबहों नहीं द

punjabkesari.in Tuesday, Feb 05, 2019 - 03:46 PM (IST)

प्रयागराजः उत्तर प्रदेश सरकार भले ही दिव्य और भव्य कुंभ के सफल आयोजन के लिए कृत संकल्पित हो लेकिन प्रशासन के रूखे व्यवहार और मेले में व्याप्त दुव्र्यवस्था ने श्रद्धालुओं को बिलखने के लिए मजबूर कर दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वस्तर पर कुंभ आयोजन के लिए विदेशी श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी प्रदेशों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों को कुंभ में आने का निमंत्रण दिया। उन्हें बेहतर सुविधा भी मुहैया कराई जा रही है लेकिन दूर दराज से आस्था की डुबकी लगाने आने वाले श्रद्धालुओं के साथ प्रशासन का रूखा व्यवहार और दुव्र्यवहार उन्हे आंसू बहाने पर मजबूर कर रहा है।  

मौनी अमावस्या के मौके पर स्नान के लिए आई बिहार के मोतहारी जिला निवासी 55 वर्षीय रघुराजी पुलिस बर्बरता की कहानी बताते हुए रो पड़ी। उन्होंने बताया ‘‘ हे बाबू एहसन दुर्व्यवस्था पहले कबहों नहीं देखली। हमरा के एहसिन पता होतल ता हम ना अवतीं। ’’  लाला मार्ग पर थकी हारी रघुराजी 48 वर्षीय अपनी ननद दुर्गा ने रूंधे गले से पुलिस की बर्बरता की कहानी सुनाई। उन्होंने बताया ‘‘ हमें अन्दर घुसने नहीं दिया गया। जिधर भी जा रहे हैं, वहां से दूसरी तरफ से जाने के लिए कहा जा रहा है। हमें तीन घंटे से अधिक समय से घुमाया गया। ‘‘  

रघुराजी और दुर्गा जैसी अनेक महिलाएं और पुरूष पुलिस द्वारा प्रताड़ति किए जाने की शिकात की। उनका कहना है कि पुलिस अपना सिरदर्द बचाने के लिए उन्हें इधर से उधर घुमा रही है। दो किलोमीटर के रास्ते को घुमा-घुमा कर पांच से सात किलोमीटर बनाया जा रहा है।  रायबरेली के मोहित शुक्ल, प्रतापगढ़ के रामकिशोर बांदा के अवन्ती देवी और प्रतापगढ़ के मोहित सिंह ने पुलिस की बर्बरता की कहानी सुनाई।  

Ruby