Kumbh2019: आकर्षण का केंद्र बने गंगा में रहने वाले बापू, देते हैं राष्ट्र प्रेम का संदेश

punjabkesari.in Saturday, Jan 26, 2019 - 03:34 PM (IST)

प्रयागराजः दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम कुंभ में जहां अखाड़े और साधु संतो के शिविर लगे हैं वहीं जाने-माने कथा वाचक मुरारी बापू छातनाग घाट पर गंगा की धारा में अपने नाव में विश्राम करते हैं। इस नाव में सभी प्रकार से व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित हैं। भव्य नाव पर सबसे ऊपर एक तरफ शान से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहरा रहा है तो दूसरी तरफ राम पताका लहरा रही है। इस भव्य दो मंजिली नाव पर लगा तिरंगा देश भक्ति का संदेश देता है, राष्ट्र प्रेम का संदेश देता है। दूसरी तरफ शिखर पर लगी राम नाम के पताका के नीचे तल में बापू विश्राम करते हैं। 

बापू के विश्रामालय के आगे यज्ञ शाला है और उसके आगे जो स्थान है वहां बापू लोगों से मुलाकात करते हैं। नीचे के तल में उनके सहयोगी रहते हैं।  वाराणसी स्थित सतुआ बाबा आश्रम के महंत संतोष दास ने छातनाग घाट पर सतुआ बाबा ने शनिवार को बताया,‘‘ बापू का एक उद्देश्य है सब के साथ प्रेम करना। वह राम चारित मानस द्वारा विश्व में सब के प्रति यही संदेश देते हैं। बापू का डंका मां गंगा से अटूट प्रेम और स्नेह है। मां को साक्षात भगवती के रूप में मानते हैं।  उन्होंने बताया कि काशी में संत बापू ने पिछले साल काशी में नौ दिवसीय रामकथा पर आधारित ‘‘मानस मसान’’ की कथा सुनाई थी। ‘‘मानस मसान’’ कथा के दौरान यह नाव बनायी गयी थी।

बापू ने इस कैलाश नामक नाव में बैठकर गंगा में नौ दिवसीय कथा की थी। बनारस से गंगा की धार के बीच में बापू के लिए इस सभी प्रकार की सुविधाओं से सुसज्जित नाव को तीर्थराज प्रयाग में लाया गया है।  महंत ने बताया कि बापू ने विश्व को मानस संगम का एक विचार दिया है उसी क्रम में 19 जनवरी से लेकर 27 जनवरी तक कुभ में बापू की राम कथा का श्रवण कर श्रोता आनंद उठा रहे हैं। सेक्टर 13 में बापू की रामकथा चल रही है। बापू 27 को ही यहां से जहां भी अन्य कथाओं का कार्यक्रम होगा, प्रस्थान करेंगे।  उन्होंने बताया कि बापू ने तमाम रूढिय़ों को तोड़ते हुए कथाएं कही है चाहे अयोध्या में गणिकाओं की हो या वाराणसी में ‘मानस मशान’ की, उनके प्रशंसक पूरे देश और दुनिया में भरे पड़े हैं।

Ruby