कुशीनगर नाव हादसा: 5 घंटे तक बीच मझधार में अटकी रही 200 लोगों की जिंदगी, किया गया रेस्क्यू

punjabkesari.in Saturday, Dec 11, 2021 - 05:51 PM (IST)

कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के जिला कुशीनगर में शुक्रवार की शाम नारायणी नदी में एक बड़ी नाव फंस गई। जिसमें 200 लोग सवार थे। दरअसल, नाव का इंजन खराब होने के कारण बंद हो गया, जिसके कारण नाव अनियंत्रित होकर पानी में बहने लगी। जिससे लोग काफी घबरा गए। स्थानीय लोगों के प्रशासन को सूचना देने के बाद भी जिला प्रशासन या तहसील में से कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा। पुलिस और स्थानीय लोगों के साथ यूपी कांग्रेस अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय विधायक अजय कुमार लल्लू भी मौके पर पहुंचे। जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। 12 बजे तक दूसरी नावों से सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।

जानकारी के अनुसार, घटना बरवापट्टी थाना क्षेत्र की है। यह इलाका बिहार सीमा से बिल्कुल जुड़ा हुआ है। यहां के लोगों की खेती बिहार में बड़े पैमाने पर है। लिहाजा खेती करने हर रोज सैकड़ों की संख्या में लोग उस पार जाते हैं, कहा जा सकता है कि नदी पार कर उसपर जाना लोगों की दैनिक जरूरत और दिनचर्या में हैं। अबतक के सभी सरकारों के द्वारा लोगों की इस पार से उस पार जाने के लिए कोई उचित प्रबंध न किए जाने से किसानों को मजबूरन अपने खेतों की बुआई और कटाई सम्बंधित उपकरणों जैसे ट्रैक्टर, बैलगाड़ी आदि उस पार ले जाने के लिए बड़ी बड़ी नावों के सहारे नदी पार कर जाता पड़ता है।

रोजमर्रा की तरह लोग नाव पर ट्रैक्टर रख रेता में खेती से वापस लौट रहे थे। जब नाव नदी के बीच पहुंची तो ईंजन तकनीकी खराबी के कारण बंद हो गया। जिससे नाव अनियंत्रित होकर पानी के बहाव के साथ बहने लगी. जिससे लोगों में अफरा तफरी मच गई। नाव पर फंसे लोगो ने किसी तरह गांव के लोगों को सूचना दी। ग्रामीणों ने पुलिस और स्थानीय तहसील प्रशासन को सूचना देकर बचाव में जुट गए। स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों के साथ रेस्क्यू करने लगी, लेकिन तहसील और जिला प्रशासन की भूमिका न के बराबर रही। 

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि विधानसभा में इस घाट पर पुल बनाने की मांग कर चुके हैं मगर सरकार की ओर से कोई सार्थक पहल नहीं हुई। यही कारण हैं एक बड़ा इलाका बिहार सीमा से सटे नदी के किनारे है। ऐसे में हर साल की ये समस्या है। जान जोखिम में डालकर खेती करना सीमावर्ती क्षेत्रों में बसे लोगों की मजबूरी है।

Content Writer

Tamanna Bhardwaj