कुशीनगर का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर्यटन के लिए साबित होगा मील का पत्थर

punjabkesari.in Tuesday, Feb 27, 2018 - 03:04 PM (IST)

कुशीनगरः उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में निर्माणाधीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर्यटन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। कुशीनगर में हवाई अड्डा बन जाने से पूर्वाचल में पर्यटन और औद्योगिक पूंजी निवेश के लिए नए द्वार खुल जायेंगे। पिछले 5 वर्षों से यह सपना अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत 17 अक्टूबर को कुशीनगर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 22 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम, भगवान कृष्ण तथा भगवान बुद्ध नगरी के विकास के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकृल्प है। इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुशीनगर में पर्यटन के लिए अपार संभावनाएं हैं। भगवान बुद्ध ने इस धरती को अपनी मुक्ति के लिए चुना। यहां हवाई अड्डे के बन जाने से पर्यटक आने से युवाओं के लिए रोजगार के साधन अधिक उपलब्ध होंगे। 

सरकार उत्तर प्रदेश को पर्यटन हब के रूप विकसित करना चाहती है। प्रदेश की कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा ने निर्माणाधीन हवाई अड्डे का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण से जुड़ी अन्य योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल की। कुशीनगर नगर पालिका की अध्यक्ष साबिरा खातून का कहना है कि हवाई अड्डा बन जाने से इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसका फायदा नगरपालिका को भी सीधे मिलने लगेगा। गाइड डाक्टर अभय कुमार राय का कहना है कि हवाई अड्डा बन जाने से कुशीनगर में टूर एवं ट्रेवल व्यवसाय के जुड़ी क्षेत्रों में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी होगी।  

कुशीनगर, गोरखपुर से लगभग 53 किमी की दूरी पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यहीं पर गौतम बुद्ध ने अपने जीवन की आखिरी सांस ली थी, जिस वजह से इसे प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थल भी माना जाता है। हर साल दुनिया भर से हकारों पर्यटक और श्रद्धालु यहां आते हैं। यहां अनूठी डिजाइन वाले महापरिनिर्वाण मंदिर में लेटे हुए बुद्ध की विशालकाय मूर्ति है। यह मूर्ति 1876 की खुदाई में मिली थी। बुद्ध पूर्णिमा का उत्सव अप्रैल में पूर्णिमा के अवसर पर मनाया जाता है। इस दिन भगवान बु्द्ध का जन्म हुआ था, जिन्होंने दुनिया को बौद्ध धर्म दिया। यहां की ईट से बने इस स्तूप की खोज सन 1876 में कैरिल ने की थी। यह 2.74 मीटर ऊंचा है। ताम्रपटल पर बुद्ध संबंधी अभिलेख दर्ज हैं। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर कुशीनगर में एक माह का मेला लगता है। इस मेले में आस-पास की जनता पूर्ण श्रद्धा से भाग लेती है।