पर्यटकों को लुभाने के लिये तैयार हो रहा है कुसुम सरोवर, जानिए इसके पौराणिक महत्व

punjabkesari.in Saturday, Oct 09, 2021 - 05:22 PM (IST)

मथुरा: धार्मिक एवं पुरातात्विक द्दष्टि से महत्वपूर्ण गोवर्धन के खूबसूरत कुसुम सरोवर को ऐसा अनूठा कलेवर दिया जा रहा है कि आगरा आने वाले पर्यटकों के लिए कुसुम सरोवर को छोड़ना मुश्किल हो जाएगा।   उत्तर प्रदेश व्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा बनाई गई योजना के तहत कुसुम सरोवर को सजाने संवारने का काम युद्धस्तर पर जारी है और उम्मीद है कि अगले दो तीन माह में यह स्थल देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए चुम्बकीय शक्ति की तरह काम करेगा।  गोवर्धन क्षेत्र की महिमा पर लिखी कुछ पुस्तकों के लेखक एवं जतीपुरा स्थित पुष्टिमार्गीय दो प्राचीन मंदिरों के मुखिया ब्रजेश जोशी ने कुसुम सरोवर के पौराणिक आख्यान का जिक्र करते हुए बताया कि इस पावन स्थल पर बने कुण्ड के चारों और बनी कुसुम वाटिका से राधारानी अपनी सखियों के साथ रोज कुसुम के फूल चुनने के लिए आती थी । ऐसा भी कहा जाता है कि इस पावन स्थल पर कान्हा ने न केवल राधारानी की वेणी गूंथी थी बल्कि उनके बालों में कुसुम के फूल भी लगाए थे । 



ऐतिहासिक द्दष्टि से सन 1675 में ओरछा के राजा वीर सिंह देव ने यहां पर बने कुण्ड का जीर्णोद्धार कराया था। सन 1735 में इस पूरे क्षेत्र का जीर्णोद्धार बुन्देलखण्ड मध्य प्रदेश के राजा वीर सिंह के आदेश से हुआ था। जाट राजा महाराजा जवाहर सिंह ने इसकी खूबसूरत छतरियों का निर्माण 1764 में अपने पिता महाराजा सूरजमल और मां किशोरी रानी की स्मृति में कराया था जिनकी पुरातात्विक खूबसूरती के कारण इसी स्थल पर मुगले आजम फिल्म की कभी शूटिंग की गई थी।  यह स्थल पुरातात्विक द्दष्टि से ताजमहल से किसी रूप में कम नही है। आजादी के बाद प्रदेश एवं केन्द्र की सरकारों के पर्यटन मंत्रियों ने इस स्थल का भ्रमण तो किया मगर पर्यटकों को लुभानेवाले इस स्थल को उभारने का प्रयास कभी नही किया। उत्तर प्रदेश व्रज तीर्थ विकास परिषद ने इस स्थल की उपयोगिता को समझा और इसमें चार चांद लगाने के प्रयास शुरू किये। लगभग चार माह पूर्व इन छतरियों को विद्युत प्रकाश से इतने मनोहारी तरीके से आलेाकित किया गया कि उधर से गुजरने वाला हर देशी और विदेशी पर्यटक वहां पर कुछ क्षण के लिए रूकने को मजबूर हो गया है। 


उत्तर प्रदेश व्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने बताया कि अगले दो तीन महीने में इस स्थल पर अनूठा ध्वनि एवं प्रकाश कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित होगा। इस स्थल की पुरातात्विक खूबसूरती केा बनाये रखने के लिए इस कार्यक्रम के लिए यहां कोई निर्माण कार्य नही किया जा रहा है लेकिन यहां पर ध्वनि एवं प्रकाश कार्यक्रम के माध्यम से कृष्ण लीला का प्रस्तुतीकरण ऐसा होगा जिसकी कल्पना उसे बिना देखे कोई कर नही सकता। इसमें कुसुम सरोबर के जल को मोटर से पम्प करके उसका पर्दा बनाया जाएगा और इसी पर्दे पर ध्वनि एवं प्रकाश का कार्यक्रम होगा। यह स्क्रीन कुछ स्थानों से देखने पर इन्द्रधनुषी भी मालूम पड़ सकती हैं। उन्होंने बताया कि दिन में इसकी खूबसूरती पर और चार चांद लगाने के लिए इसके आसपास के क्षेत्र को हरीतिमा युक्त करते हुए कुसुम तथा अन्य नाना प्रकार के पुष्पों से आच्छादित भी किया जाएगा। कुल मिलाकर यह स्थल इस प्रकार तैयार किया जा रहा है कि मथुरा और आगरा आनेवाले हर देशी और विदेशी पर्यटक के लिए यह आकर्षण का केन्द्र बनेगा। 

Content Writer

Ramkesh