‘लेडी विद गन’ नाम की इस महिला को देखकर कांप उठते हैं ‘शोहदे’

punjabkesari.in Wednesday, Aug 24, 2016 - 03:38 PM (IST)

शाहजहांपुर (नन्दलाल): महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ के खिलाफ भले ही कोई आवाज उठाने वाला न हो लेकिन ‘लेडी विद गन’ नाम से मशहूर इस महिला को देखकर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने की कोई हिम्मत तक नहीं जुटा पाता। इलाके की महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा की खातिर इसने हथियार उठा लिया है। ‘लेडी विद गन’ नाम से जाने जानी वाली महिला छेड़छाड़ का जवाब अपनी बन्दूक से देती है। यही वजह है कि इलाके के शोहदे बन्दूक वाली इस दबंग महिला के नाम से कांप उठते हैं। वहीं लड़कियों के लिए ये महिला किसी आदर्श से कम नहीं है। 
 
 
अपनी बन्दूक की नली को साफ कर रही इस महिला का नाम शहाना बेगम है। ये एक ऐसा नाम है जिसे सुनकर लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करने वाले मनचलों की हालत बिगड़ जाती है। शहाना ने ये हथियार सिर्फ महिलाओं और लड़कियों की हिफाजत के लिए उठाया है। आलम ये है कि उसके गांव और आस पास के इलाकों में छेड़छाड़ की घटनाएं शायद ही कभी होती होंगी। अगर शहाना को शिकायत मिल जाए तो वो अपनी बन्दूक की दम पर उसे सबक सिखाने का माद्दा रखती है। कई बार ऐसे मौके आए जब मनचलों और शोहदों को शबाना ने सबक सिखाया है। उनका कहना है कि काननू तो अपना काम करेगा ही लेकिन छेड़छाड़ करने वालों को सबसे पहले वो खुद सबक सिखाती 
हैं। यही वजह है कि शहाना को इलाके के लोग ‘लेडी विद गन’ के नाम से पहचानते हैं। शहाना का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो महिलाओं और लड़कियों की हिफाजत के लिए उनकी बन्दूक से गोली भी निकल सकती है। 
 
इलाके की महिलाओं को किसी भी किस्म की कोई दिक्कत होती है तो वो शहाना के सामने अपनी बात रखती हैं। शादीशुदा महिलाओं को अगर उनके पति परेशान करते हैं तो वो ऐसे मामलों को भी बखूबी निपटाती है। वो अपने गांव के आस पास के भी गांवों में पैदल निकल कर महिलाओं और लड़कियों से उनकी परेशानी पूछती हैं। यही वजह है कि महिलाओं के लिए वह आज ग्रेट लेडी का दर्जा रखती हैं। गांव महानन्दपुर की रहने वाली ‘लेडी विद गन’ नाम की महिला को सिर्फ गांव के लोग ही नहीं जानते बल्कि शहर में भी इनका खूब नाम है। 
 
स्कूल में पढऩे वाली लड़कियों के लिए ये किसी ‘रॉबिनहुड’ से कम नहीं है। लड़कियों का कहना है कि शहाना जैसी दबंग महिलाएं अगर देश में हों तो मनचलों की क्या औकात कि वह किसी को छेड़ कर दिखाएं। 
 
शहाना की बन्दूक ही अब उनकी पहचान बन चुकी है। शहाना को न राजनीति की चाह है और न ही वाहवाही की। उनकी जिन्दगी का सिर्फ एक ही मकसद है और वो है लड़कियों और महिलाओं की हिफाजत। यही वजह है उनके इलाके में लड़कियां बेखौफ होकर स्कूल आ और जा सकती हैं। वहीं मनचले भी लेडी विद गन के नाम से कांपते हैं। अगर शहाना जैसी महिलाएं आगे निकलकर समाज का इस तरह नेतृत्व
 करें तो काफी हद तक महिलाओं पर हो रहे अत्याचार से छुटकारा पाया जा सकता है।