लखीमपुर हिंसा: 20 प्वाइंट्स में समझें कब, क्या और कैसे हुआ, सुबह से धरने पर बैठे थे 200 किसान...

punjabkesari.in Monday, Oct 04, 2021 - 06:59 PM (IST)

लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुए हादसे में 4 किसानों समेत अब तक 9 लोगों की मौत हो गई है। बताया जाता है कि सुबह आठ बजे से ही लखीमपुर खीरी के बेनीपुर गांव में बने हेलीपैड पर करीब 200 किसान धरने पर बैठे थे। यहीं केशव मौर्य का कार्यक्रम तय था। किसानों के प्रदर्शन के चलते डिप्टी सीएम का कार्यक्रम बदल गया और वह सड़क मार्ग से होते हुए लखीमपुर पहुंचे। बीच सड़क डिप्टी सीएम केशव मौर्य और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा के काफिले को काला झंडा दिखाते समय ये हादसा हुआ।

इन प्वाइंट्स से समझें लखीमपुर में कब, क्या और कैसे हुआ...?
1- 26 सितंबर को अजय मिश्रा टेनी ने किसानों को 2 मिनट में देख लेने की धमकी दी थी। इससे किसान गुस्सा हो गए थे। 

2- इस बयान के बाद 3 अक्तूबर को लखीमपुर में कई सरकारी योजनाओं के शिलान्यास के लिए प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कार्यक्रम तय था। इसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को भी शामिल होना था।

3- उपमुख्यमंत्री के कार्यक्रम की जानकारी मिलते ही 3 अक्तूबर की सुबह 8 बजे करीब 200 किसान अजय मिश्र टेनी के गांव बेनीपुर पहुंच गए। यहीं केशव मौर्य का हेलीकॉप्टर उतरना था।

4- 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने हेलीपैड को पूरी तरह से घेर लिया और बीच में बैठ गए। प्रशासनिक अफसरों ने करीब 2 घंटे तक किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई नहीं हटा।

5- आनन-फानन में उपमुख्यमंत्री का कार्यक्रम बदला गया और उन्हें सड़क मार्ग से लखीमपुर लाया गया। यहां उन्होंने करीब 12 बजे एक गेस्ट हाउस में कई सरकारी योजनाओं का शिलान्यास किया।

6- उपमुख्यमंत्री ने करीब एक बजे भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इसके बाद वह सड़क मार्ग से तिकुनिया के लिए निकले। यहां उन्हें एक दंगल के कार्यक्रम में शामिल होना था। 

7- उपमुख्यमंत्री के तिकुनिया जाने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में किसान तिकुनिया की सड़कों पर जुट गए। जब उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र का काफिला गुजरा तो किसान उन्हें काले झंडे दिखाने लगे।

8- आरोप है कि काले झंडे दिखा रहे किसानों पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष ने गाड़ी चढ़ा दी। इसमें 2 किसानों की मौत हो गई। इसके बाद गाड़ी पलटने से 4 और किसानों की जान चली गई। इस तरह से हादसे में अब तक कुल 9 लोगों की मौत हो गई है।

9- हादसे से आक्रोशित किसानों ने आशीष की गाड़ी पर हमला कर दिया। किसी तरह आशीष गन्ने की खेत से होकर भाग निकला, जबकि उसके ड्राइवर को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला।

10- किसानों की मौत से उग्र भीड़ ने मौके पर 3 गाड़ियों में आग लगा दी। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे किसानों को रोकने आई पुलिस पर पथराव कर दिया गया। बवाल बढ़ता देख मौके पर कई थानों की फोर्स लगा दी गई। आई.जी., ए.डी.जी. समेत कई पुलिस व प्रशासनिक अफसर पहुंचे।

11- शाम होते-होते बवाल बढ़ता देख प्रशासन ने पूरे लखीमपुर में इंटरनेट सेवा को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया।

12- लखनऊ में तैनात तेज तर्रार आई.पी.एस. अजय पाल शर्मा को हालात संभालने के लिए भेजा गया।

13- किसानों के मौत की सूचने के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अपने काफिले के साथ लखीमपुर के लिए निकले।

14- 3 अक्तूबर की शाम सभी विपक्षी दलों ने लखीमपुर जाकर पीड़ित किसानों से मिलने का ऐलान कर दिया।

15- इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की प्रभारी सासंद दीपेंद्र हुड्डा के साथ देर शाम लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पहुंची।

16- रात लगभग 11 बजे प्रियंका लखीमपुर जाने के लिए अपने आवास से निकली लेकिन प्रदेश सरकार के आदेश के बाद उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया। इसके बाद भी प्रियंका लखीमपुर के लिए निकली, उन्हे रास्ते में सीतापुर जिले में हिरासत में लेकर पी.ए.सी. कैंप में रखा गया।

17- सुबह लगभग प्रदेश के सभी विपक्षी नेताओं को हाउस अरेस्ट कर दिया गया। इसके बाद सभी दलों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन शुरु कर दिया।

18- दोपहर होते-होते राकेश टिकैत व ए.डी.जी. प्रशांत कुमार के नेतृत्व में पीड़ित किसान परिवारों के बीच मुआवजे की राशी व नौकरी पर समहति बनी व परिवारों को धरना समाप्त करने के लिए कहा गया।

19- समझौते के बाद किसानों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया व सभी से शांति बनाए रखने की अपील की गई।

20- इस प्रकार लखीमपुर हिंसा में प्रशासन के अनुसार अब तक कुल 9 लोगों की मौत हो गई हैं, जिसमें 4 किसान, एक पत्रकार व 4 अन्य शामिल हैं।   

 

 


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Content Writer

Umakant yadav

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