प्रवासी मजदूरों को मकान मालिकों ने निकाला बाहर, बोले- अब नहीं आएंगे वापस

punjabkesari.in Saturday, May 16, 2020 - 12:34 PM (IST)

फर्रुखाबादः पापी पेट का सवाल क्या-क्या नहीं करता। पेट की ही खातिर जन्मभूमि छोड़ दी थी। कोरोना महामारी के पैर पसारने के बाद लॉकडाउन घोषित होते ही काम-धंधा बंद हो गया तो पैदल ही जन्मभूमि की ओर चल दिए। जिले से हजारों मजदूर पैदल हाइवे पर पैदल चलते दिखाई दे रहे हैं। बच्चे अपने अपने माता पिता से खाना मांगते हैं। वहीं लॉकडाउन के चलते फैक्ट्रियों में काम बंद हो गया। वहीं मकान मालिक उनसे किराए की डिमांड की जब मजदूरों ने समय से मकान मालिकों को किराया नहीं दिया तो उनको अपने मकानों से बाहर निकाल दिया। जिस कारण अपनी छोटी सी गृहस्थी को साथ लेकर अपने अपने जन्मभूमि की तरफ पलायन शुरू कर दिया है। 
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रास्ते के लंबे सफर में कई साथी छूट जाते हैं। उनकी भी उनको चिंता सता रही है कि वह गांव के जाकर अपने साथी के बारे में क्या बताएंगे। देश व प्रदेश की सरकारों ने जो घोषणाएं की थी सभी प्रवासियों मजदूरों को राशन देने के साथ कोई भी मकान मालिक किराया नहीं लेगा, लेकिन उसका उल्टा हो रहा है। जब काम बंद के चलते मकान मालिक मकान खाली करने को कहता है तो मजदूरों ने बताया स्थानीय पुलिस को शिकायत दर्ज कराने पहुंचे तो उनकी परेशानी को खत्म करने की जगह उनको ट्रकों में बैठाकर उनके ग्रह जनपद भेज दिया जा रहा है।

वहीं गाड़ी मालिक भी उनको रास्ते मे छोड़कर चले जाते हैं। जिस कारण वह अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ तेज धूप में ही अपने घरों के लिए बिन थके हुए चले जा रहे है। यह मजदूर दिल्ली, हरियाणा, गजियावाद, गुजरात, महाराष्ट्र से लेकर सभी महानगरों से आ रहे हैं, लेकिन प्रसाशन ने जो प्रवासी मजदूरों के लिए खाने का इंतजाम किया था वह भी नही दिखाई दे रहा है। साथ यदि किसी भी जिले में रुकना चाहे तो उनको रुकने नहीं दिया जाता है। वर्तमान में प्रवासी मजदूरों की हालत फुटवाल की तरह दिखाई दे रही है। हर कोई किक मारने में लगा हुआ दिखाई दे रहा है।

वहीं गैर प्रांतों से आने वाले मजदूरों को क्वारंटाइन सेंटर रोकने के निर्देश है। यहां 14 दिनों तक लोगों को रोककर खाने-पीने की सुविधा उपलब्ध कराना है। जबकि फर्रुखाबाद के कई  क्वारंटाइन सेंटर में मजदूरों को किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिल पा रही है और न ही खाना मिल पा रहा है। जिससे लोगों में काफी नाराजगी है। कोरेंटाइन सेंटर के इंजार्ज ने मजदूरों को अपने घरों में जाने को कह दिया है। 


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Tamanna Bhardwaj

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