नेता प्रतिपक्ष ने CM योगी को लिखा पत्र, प्रदेश में कोरोना की जांच पर खड़े किए ये सवाल
punjabkesari.in Monday, May 04, 2020 - 06:24 PM (IST)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रामगोविन्द चौधरी ने सोमवार को सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कोरोना के संक्रमण से निपटने के प्रबन्धों पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने सरकारी तंत्र पर गम्भीर आरोप लगाते हुए प्रदेश में हो रही कोविड-19 की जांच क्षमता को नाकाफी बताया है। साथ ही कहा कि अगर पर्याप्त संख्या में जांच की व्यवस्था हो तो मरीजों की सही संख्या सामने आयेगी और इसे भयावह स्थिति तक पहुंचने से रोका जा सकेगा।
सरकार को काफी सचेत रहने की आवश्यकता
वरिष्ठ सपा नेता ने कहा कि पता चला है कि उत्तर प्रदेश में सरकारी अधिकारियों द्वारा जानबूझकर वास्तविक संक्रमितों की संख्या छुपाई जा रही है। यहां तक कि वास्तविक आंकड़े छुपाने के लिए प्रशासन द्वारा शवों का चुपचाप अंतिम संस्कार कराया जा रहा है। अगर ये खबरें सही हैं तो बेहद खतरनाक एवं आत्मघाती हैं। जो लोग कोरोना वायरस से होने वाली मौतों को छुपा रहे हैं, वे समाज के दुश्मन हैं। सरकार को काफी सचेत रहने की आवश्यकता है। आंकड़ों के खेल से संक्रमितों की संख्या छुपाने से कोरोना वायरस नहीं जायेगा, उल्टे और भयंकर स्थिति उत्पन्न हो जायेगी।
मजदूरों से 3 गुना तक किराया वसूलना निंदनीय
उन्होंने कहा कि रूस की तरह उत्तर प्रदेश में भी कोरोना की जांच क्षमता बढ़ानी होगी। प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की कोई योजना और पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है। विशेष रेलगाड़ियों से भेजे जाने वाले लोगों से 3 गुना तक किराया वसूला गया है जो बहुत ही निन्दनीय है। अगर सरकार सहायता कोष में करोड़ों रूपये दिये जाने के बावजूद दिवालिया हो गयी है तो समाजवादी पार्टी इन प्रवासी मजदूरों का किराया वहन करने के लिए तैयार है।
प्रवासी कामगारों का नहीं कोई आकलन
चौधरी ने कहा कि दूसरे राज्यों से प्रदेश में कितने प्रवासी कामगार आयेंगे और उनको 14 दिनों तक कहां-कहां पृथक किया जायेगा इसका सही आकलन अभी तक नहीं हो सका है। अधिकारियों के जो हेल्पलाइन नम्बर प्रचारित किये गये हैं। वह जरूरतमंदों द्वारा डायल करने पर उठते ही नहीं हैं और जो जैसे-तैसे उठ भी जाते हैं उन पर नियुक्त अधिकारी और कर्मचारी किसी अन्य अफसर से सम्पर्क करने की बात कहकर टरका देते हैं।