राजभाषा सम्मेलन में शाह ने किया आह्वान- ‘आइए तय करें कि अपना राजकाज, न्यायिक काम अपनी राजभाषा में करें’
punjabkesari.in Saturday, Nov 13, 2021 - 02:26 PM (IST)
वाराणसी: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आजादी के बाद देश पर पिछड़े होने का धब्बा लगने के पीछे अपनी मूल भाषा में शिक्षा दीक्षा नहीं होने को मुख्य वजह बताते हुए कहा है कि ‘‘हमारा देश पिछड़ गया, उसका मूल कारण है कि हमने अपनी पढ़ाई अपनी मूल भाषा में नहीं की।'' शाह ने शनिवार को राजभाषा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद देश को स्वराज तो मिल गया अब इसे ‘सुराज' में बदलना है, मगर, स्वदेशी और स्वभाषा, पीछे छूट गये हैं। उन्होंने आह्वान किया कि आजादी के अमृत महोत्सव में हम पीछे छूटे इन लक्ष्यों को पूरा करें।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने देश को आजादी मिलने के बाद भी मातृ भाषा सहित अन्य स्थानीय भाषाओं के साथ सौतेला व्यवहार किये जाने को ऐतिहासिक भूल बताते हुए कहा कि अब वह समय चला गया है जब अपनी मूल भाषा जानने वालों को शर्म का अहसास करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि जो देश अपनी भाषाओं को भुला देता है वह देश अपना मौलिक चिंतन भी खो देता है। इसीलिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक मंचों पर अपनी बात अपनी राजभाषा में ही रखी।
दो दिन के वाराणसी प्रवास पर आए शाह ने दीनदयाल हस्तकला संकुल में आयोजित अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन को संबोधित करते हुये यह बात कही। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बनने के बाद राजभाषा सम्मेलन को दिल्ली से बाहर ले जाने का जब फैसला किया तो यह सौभाग्य की बात है कि यह सम्मेलन अपने पहले पड़ाव के रूप में भाषाओं के गोमुख कहे जाने वाले शहर वाराणसी में पहुंचा।