यूपी की शेरनी का संकट में जीवन, सफारी कुनबे ने किया अनफिट घोषित

punjabkesari.in Thursday, Nov 30, 2017 - 10:32 AM (IST)

इटावाः उत्तर प्रदेश के इटावा में सफारी पार्क की एक शेरनी कुंअरि' को लायन ब्रीडिंग सेंटर के लिए अनफिट घोषित कर दिया गया है। कयोंकि वो केनाइन डिस्टेंपर व लेप्टोस्पेरोशिस (वायरल संक्रमण) बीमारी से जूझ रही है। शेरनी के शरीर के पिछले हिस्से के मस्कुलर सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया है। उसके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता लगातार कम होती जा रही है। बता दें केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि शेरनी को सफारी में अलग रखा जाए ताकि शेरों के कुनबे में संक्रमण ना फैले।

जानिए पूरा मामला 
दरअसल, सफारी पार्क की शेरनी कुंअरि 2 साल से बीमार चल रही है। इसे गुजरात के शक्करबाग जू से इटावा सफारी पार्क में लाया गया था। बताया गया है कि शेरनी इटावा सफारी आई थी, तभी वायरल संक्रमण से ग्रसित हो गई लेकिन उस समय इस पर ध्यान नहीं दिया गया। थोड़े ही दिनों बाद शेरनी को पार्क के अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था। उसे केनाइन डिस्टेंपर की बीमारी निकली।

6 महिने पहले लगा बीमारी का झटका
हालांकि 6 महीने बाद शेरनी ने खुद को रिकवर कर लिया और वो चलने-फिरने लगी थी। केनाइन डिस्टेंपर के कारण शेरनी का पीछे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था और वो जमीन पर बैठ गई थी। उसके बाद एक साल तक वो स्वस्थ रही। 6 महीने पहले उसे फिर बीमारी का झटका लगा और वो जमीन पर बैठ गई थी लेकिन डॉक्टरों ने दवाइयों के सहारे उसे फिर खड़ा कर लिया था, अब शेरनी की स्थिति फिर नाजुक है।

शेरनी की हालत ठीक नहीं
इटावा सफारी पार्क के डॉ. गौरव श्रीवास्तव और डॉ. आरसी वर्मा शेरनी कुंअरि का इलाज कर रहे हैं। आगरा, मथुरा के डॉक्टरों से भी मदद मांगी गई है, इंडियन वेटनरी इंस्टीट्यूट बरेली के डॉक्टरों ने भी कुछ दिन पूर्व परीक्षण किया था। इटावा सफारी पार्क के निदेशक पीपी सिंह ने बताया कि शेरनी की हालत ठीक नहीं है, उसकी जिंदगी खतरे में है। शासन को भी अवगत करा दिया गया है। शेरनी का पीछे का मस्कुलर सिस्टम सही ढंग से काम नहीं कर रहा है। जिसके कारण उसे पेशाब व मल करने में दिक्कत हो रही है। बीच में उसने खाना छोड़ दिया था लेकिन फिर वो 3 से 4 किलो मीट खाने लगी है।

क्या होता है कैनाइन डिस्टेंपर?
कैनाइन डिस्टेंपर वायरस कुत्तों में पाया जाता है। शेर या बाघ जंगल से निकलकर आबादी में कुत्तों को मार देते हैं तो संक्रमण हो जाता है। कुत्ते तेंदुए का आहार है और तेंदुओं को शेर-बाघ में आमना-सामना होने पर मार देते हैं। ऐसे में ये संक्रमण हो जाता है, इसका इलाज बेहद मुश्किल है क्योंकि ये सीधे नर्वस सिस्टम पर असर डालता है।