Lok Sabha Election 2019: एक नजर कन्नौज लोकसभा सीट पर

punjabkesari.in Saturday, Apr 27, 2019 - 05:16 PM (IST)

कन्नौजः उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में चुनाव होने हैं। पहले चरण के तहत 8, दूसरे चरण के तहत 8 और तीसरे चरण के तहत 10 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुके हैं। 29 अप्रैल को चौथे चरण के तहत 13 सीटों पर मतदान होने हैं, जिनमें शाहजहांपुर, खीरी, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर, जालौन, झांसी और हमीरपुर शामिल हैं। इस खबर में हम आपको कन्नौज लोकसभा सीट के बारे में कुछ बातें बताने जा रहे हैं।

इत्र की तरह इस लोकसभा सीट का इतिहास भी है खूबसूरत
कन्याकुब्ज से कन्नौज बनी यह नगरी इत्र नगरी के नाम से भी फेमस है। यहां बनने वाली इत्र पूरी दुनिया में खुशबू बिखेरती है। इसी तरीके से इस लोकसभा सीट का इतिहास भी काफी खूबसूरत है। 1952 में पहली बार हुए इस सीट पर चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार शंभूनाथ मिश्रा ने जीत दर्ज की। 1957 में शंभूनाथ दोबारा सांसद बने, लेकिन 1962 में मूलचंद्र सांसद बने। 1963 में शंभूनाथ मिश्रा एक बार फिर कांग्रेस से सांसद बने। 1967 के चुनाव में समाजवादी विचारधारा के राम मनोहर लोहिया यहां से कांग्रेस को हराकर चुनाव जीते, लेकिन 1971 में कांग्रेस ने एक बार फिर चुनाव जीता। 1977 में जनता पार्टी के राम प्रकाश त्रिपाठी और 1980 में छोटे सिंह यादव ने यहां से चुनाव जीता। वहीं 1984 में कांग्रेस की शीला दीक्षित ने यहां से चुनाव जीता, लेकिन 1989 और 1991 के चुनाव में लोकदल के टिकट पर छोटे सिंह यादव ने यहां से चुनाव जीता।

1996 में बीजेपी चंद्रभूषण सिंह ने पहली बार इस सीट पर बीजेपी को जीत दिलाई, लेकिन 1998 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रदीप यादव यहां से चुनाव जीते और इसके बाद से ये सीट सपा के पास ही है। 1999 में सपा के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव जीते और इस्तीफा दे दिया। 2000 में हुए उपचुनाव में अखिलेश यादव ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत की और उपचुनाव जीता। 2004 और 2009 के चुनाव में अखिलेश यहां से सांसद रहे। 2012 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद अखिलेश ने ये सीट छोड़ दी। यहां हुए उपचुनाव में कन्नौज यादव ने निर्विरोध चुनाव जीता। 2014 के मोदी लहर भी यहां काम न कर सकी और डिंपल यादव ही चुनाव जीतीं।


लोकसभा क्षेत्र- कन्नौज

कन्नौज में 3 विधानसभा सीट कन्नौज सदर, छिबरामऊ और तिर्वा है। एक सीट कानपुर देहात की रसूलाबाद, एक सीट औरैया की विधूना है। कन्नौज में सदर पर सपा और बाकी दोनों सीटों पर बीजेपी काबिज है।

एक नजर 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर

2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट पर कुल 18,55,121 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 10,14,618 है, जबकि महिला वोटरों की संख्या 8,40,406 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 97 है।

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

सपा की सेफ सीट समझी जाने वाली कन्नौज सीट पर 2014 के चुनाव में डिंपल यादव ने चुनाव जीता था। डिंपल ने बीजेपी के सुब्रत पाठक को हराया था। डिंपल को कुल 4,89,164 वोट मिले थे। बीजेपी के सुब्रत पाठक को कुल 4,69,257 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बसपा के निर्मल तिवारी थे, जिन्हें कुल 1,27,785 वोट मिले थे।

लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे

2009 में हुए लोकसभा चुनाव में भी अखिलेश यादव ने बसपा उम्मीदवार महेश चंद्र वर्मा को हराया था। अखिलेश को कुल 3,37,751 वोट मिले थे। बसपा के महेश चंद्र वर्मा को कुल 2,21,887 वोट मिले थे। जबकि तीसरे नंबर पर बीजेपी के सुब्रत पाठक रहे, जिन्हें कुल 1,50,872 वोट मिले। वहीं 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में 2012 में विधानसभा चुनाव हुए और समाजवादी पार्टी बुहमत में आई। तब अखिलेश यादव सूबे के सीएम बने। सीएम बनने के बाद अखिलेश ने सासंद पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद उपचुनाव में डिंपल यादव ने यहां से चुनाव लड़ा, लेकिन उनके सामने किसी दल ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा और वो निर्विरोध चुनाव जीत गईं।

2004 में अखिलेश ने जीता यहां से चुनाव

2004 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां से अखिलेश यादव ने चुनाव जीता। अखिलेश ने बसपा के ठाकुर राजेश सिंह को चुनाव हराया। अखिलेश यादव को कुल 4,64,367 वोट मिले, जबकि बसपा के ठाकुर राजेश सिंह को 1,56,994 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी के रामानंद यादव रहे, जिन्हें कुल 1,12,349 वोट मिले।

Deepika Rajput