अखिलेश बोले- गठबंधन पर नहीं कर रहे विचार, अभी पार्टी को मजबूत करने पर है पूरा ध्यान

punjabkesari.in Wednesday, Jan 10, 2018 - 09:42 AM (IST)

लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आगामी लोकसभा चुनाव को ‘निर्णायक’ करार देते हुए कहा कि पार्टी का जनाधार बढ़ाना उनकी पहली प्राथमिकता है और वह अभी किसी भी दल के साथ गठबंधन के बारे में नहीं सोच रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि वर्ष 2019 का चुनाव निर्णायक है, क्योंकि उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजों का संदेश पूरे देश में जाता है। इस समय हम किसी दल से गठबंधन करने के बारे में नहीं सोच रहे हैं, क्योंकि इससे (समझौते और सीटों के बंटवारे में) काफी वक्त खराब होता है, और मैं (सीटों को लेकर) किसी भ्रम में नहीं पड़ना चाहता।

मालूम हो कि सपा ने पिछले साल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से गठबंधन किया था। सपा अध्यक्ष ने कहा कि इस समय मेरी प्राथमिकता सपा के वोट बैंक को मजबूत करने की है और मैं इसके लिए काम कर रहा हूं। अगर आप मजबूत होंगे तो आपकी दावेदारी ज्यादा मजबूत होती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका राजनीति करने का अंदाज अलग है और वह समान विचारधारा वाले दलों के साथ ‘दोस्ती’ को तैयार हैं, लेकिन इस वक्त उनकी प्राथमिकता दूसरी है। वर्ष 2019 के चुनाव में अभी समय है। इस वक्त हम हर सीट पर प्रत्याशियों का चयन करने में स्थानीय समीकरणों पर काम कर रहे हैं।

अखिलेश ने कहा कि वह सपा कार्यकर्त्ताओं में जोश भरने के लिए एक बार फिर ‘रथ यात्रा’ निकालेंगे। इसके लिए मार्गयोजना तैयार की जा रही है। जनता को सपा से उम्मीदें हैं, क्योंकि यही दल भाजपा को रोक सकता है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अन्य राज्यों में भी लोकसभा चुनाव लड़ेगी, जहां सपा संगठन मजबूत है। मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में सपा का संगठन मजबूत है। इसके अलावा हम उत्तराखंड और राजस्थान में भी इस दिशा में काम कर रहे हैं।  सपा को अब तक केवल उत्तर प्रदेश तक ही सीमित माना जाता है।

विकास के तमाम दावों के बावजूद पिछले साल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में सपा की पराजय के कारणों के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि भाजपा जनता को बहकाने में कामयाब रही। इससे ना सिर्फ हमारा, बल्कि बहुजन समाज पार्टी का वोट भी भाजपा में चला गया। जनता अब भी मेरे शासनकाल को याद करती है और चुनाव में सपा को वोट ना देने की गलती को स्वीकार कर रही है।