लोकसभा चुनाव 2019: सपा के गढ़ मैनपुरी में जीत नहीं आसान

punjabkesari.in Tuesday, Apr 02, 2019 - 12:34 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट यादव परिवार का गढ़ मानी जाती है। इस सीट पर आज तक भाजपा अपनी जीत दर्ज नहीं कर पाई है। 2014 में मोदी लहर के बावजूद मुलायम 2 संसदीय सीटों आजमगढ़ और मैनपुरी से जीते थे। 1952 से लेकर 1971 तक कांग्रेस को जीत हासिल हुई।

1977 की सत्ता विरोधी लहर में जनता पार्टी ने कांग्रेस के प्रत्याशी को हरा दिया। 1980 में कांग्रेस ने यह सीट एक बार फिर गंवा दी और 1984 में उनके प्रत्याशी को एक बार फिर जीत मिली। यह वह साल था जब कांग्रेस को इस सीट पर आखिरी बार जीत मिली थी। 1992 में सपा का गठन करने के बाद मुलायम इस सीट से 1996 में चुनाव लड़े और उन्होंने भारी अंतर से जीत हासिल की। उसके बाद से लगातार हर चुनाव में इस सीट पर सपा का ही कब्जा रहा है।

‘जिसके जाट, उसी के ठाठ’
उत्तर प्रदेश में एक मशहूर कहावत भी है-‘जिसके जाट, उसी के ठाठ।’ महागठबंधन और भाजपा दोनों के लिए ही पश्चिमी यूपी में जाट चुनौती बने हुए हैं। 2014 में जाटों ने अपना जनादेश कुछ इस तरह दिया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सभी सीटें भाजपा के पास गई थीं। 2019 में आरएलडी महागठबंधन का हिस्सा है और जाट शिफ्टिंग वोट बैंक माने जा रहे हैं।

Anil Kapoor