Lok Sabha Elections 2019: वाराणसी में PM मोदी को रिकॉर्ड वोटों से जिताने का प्लान

punjabkesari.in Saturday, May 04, 2019 - 10:40 AM (IST)

वाराणसी(इलैक्शन डैस्क): वाराणसी के महमूरगंज इलाके के ‘तुलसी उद्यान’ में भाजपा का केंद्रीय चुनाव कार्यालय है जहां चुनावी माहौल चरम पर पहुंच गया है। यह कार्यालय लगातार पार्टी के 20,000 कार्यकर्ताओं, नेताओं और रणनीतिकारों के संपर्क में रहता है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिकॉर्ड अंतर से जिताने के लिए रात-दिन एक किए हुए हैं। यहां भाजपा के संगठनीय ढांचे में 1819 बूथ कमेटियां, 226 सैक्टर कमेटियां और 17 मंडल यूनिट शामिल हैं। सत्ताधारी पार्टी ने वाराणसी में दूसरे दलों के उलट एक नई यूनिट के साथ नया प्रयोग किया है जिसे संगठन में ‘संख्या या समूह’ नाम दिया गया है। भाजपा सेंट्रल इलेक्शन ऑफिस के एक सूत्र ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि संख्या में 3 या 4 सेक्टरों की कमेटियां शामिल हैं। जिन कार्यकर्ताओं को संगठनीय कामकाज का अच्छा अनुभव होता है उन्हें इस खास इकाई की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है।

3 मई को बूथ लेवल पर बूथ कमेटियों की मीटिंग होगी। एक अन्य सूत्र ने बूथ कार्यकर्ताओं के काम के बारे में बताया कि इस मीटिंग में ‘पन्ना प्रमुखों’ के नामों का फैसला किया जाएगा। पार्टी ने ज्यादातर बूथों पर पन्ना प्रमुख चुन लिए हैं। 4 मई को सेक्टर प्रभारी को सभी पन्ना प्रमुखों के नाम बताए जाएंगे और 5 मई के दिन बूथ स्तर पर सभी घरों में वोटर्स स्लिप पहुंचाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इन सभी बातों से पता चलता है कि भाजपा ने पिछले 5 साल के दौरान प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में संगठनीय ढांचे पर कितना काम किया है।

सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों पर ज्यादा जोर
भाजपा के एक अन्य नेता ने बताया कि अब चुनाव प्रबंधन समिति का काम है कि वह 19 मई को मतदान होने तक सभी कमेटियों को जमीनी स्तर पर सक्रिय रखे। भाजपा संगठन ऐसे वोटरों पर ज्यादा फोकस कर रहा है जिन्हें एलपीजी कनेक्शन के लिए उज्ज्वला, टॉयलेट बनवाने और बिजली कनैक्शन के लिए सौभाग्य जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है। भाजपा के एक अन्य सूत्र ने बताया कि हमारे कार्यकर्ता उन गांवों में ज्यादा जोर लगा रहे हैं जहां सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की अच्छी संख्या है। हमारे सदस्य उन लाभार्थियों से मिलकर पार्टी के लिए वोट करने की गुजारिश कर रहे हैं। संगठन में एक पद ‘लाभार्थी प्रमुख’ का भी है जो केन्द्र सरकार की योजनाओं की देखरेख करने वाली टीम की अगुवाई करता है। भाजपा की रणनीति बिल्कुल साफ है। वह चाहती है कि अगर जातीय समीकरण साथ ना दे तो लाभार्थी टीम की मदद से मतदाताओं को अपने पाले में किया जा सके।

जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं का बढ़ाया जा रहा हौसला
भाजपा की एक अलग टीम भी है जो लगातार बूथ कमेटियों के सदस्यों के संपर्क में है। भाजपा सूत्र ने बताया कि यह टीम अलग क्षेत्र में काम कर रही है। इसका मुख्य काम जमीनी स्तर के पार्टी कार्यकत्र्ताओं का हौसला बढ़ाना है। आप बी.एच.यू. का उदाहरण देख सकते हैं जहां कौशल किशोर मिश्रा और प्रोफैसर बेचन लाल को बूथ कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंगें करने की जिम्मेदारी दी गई है।

Anil Kapoor