लोकसभा चुनाव : भाजपा की साख दांव पर, सपा-बसपा का लिटमस परीक्षण

punjabkesari.in Monday, Mar 11, 2019 - 12:39 PM (IST)

लखनऊः लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने के साथ ही सियासी लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचलें तेज होना बस समय की बात है। आमतौर पर दिल्ली का गद्दीनशीं तय करने वाले इस सूबे में खासकर भाजपा की साख दांव पर होगी, वहीं सपा-बसपा गठबंधन के लिए भी यह चुनाव किसी लिटमस परीक्षण से कम नहीं होगा।

निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के मुताबिक 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में सात चरणों में लोकसभा चुनाव होगा। तेज गर्मी में हो रहे इस चुनाव में प्रदेश का सियासी पारा चरम पर पहुंचने की पूरी सम्भावना है। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 71 और उसके सहयोगी अपना दल ने दो सीटें जीती थीं। खुद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस बार 73 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। ऐसे में भाजपा की साख सबसे ज्यादा दांव पर है।  

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने दम पर चुनाव लड़ने जा रही है। प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाये जाने के बाद वह आशा और उत्साह से लबरेज है। अभी तक खुद को सिर्फ अमेठी और रायबरेली तक सीमित रखने वाली प्रियंका का करिश्मा कांग्रेस को कहां तक ले जाता है, यह इस चुनाव से तय हो जाएगा।

यह लोकसभा चुनाव सपा और बसपा गठबंधन के भविष्य को भी तय करेगा। कभी घोर प्रतिद्वंद्वी रहे सपा और बसपा ने अपने तमाम गिले-शिकवे भुलाकर इस चुनाव में भाजपा को हराने के लिए हाथ मिलाया है। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एम. वेंकटेश्वर लू ने रविवार को बताया कि प्रदेश में सात चरणों में चुनाव होंगे। इसके तहत 11, 18, 23 और 29 अप्रैल तथा 6, 12 और 19 मई को मतदान होगा। मतों की गिनती 23 मई को होगी। चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है।

 

Ruby