Loksabha Election 2019: एक नजर बलिया लोकसभा सीट पर

punjabkesari.in Friday, May 17, 2019 - 01:35 PM (IST)

बलिया: बलिया लोकसभा क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश में बिहार से सटा हुआ जिला है। बलिया को बागी बलिया के नाम से भी जाना जाता है। यहां कई ऋषि महात्माओं का आश्रम हुआ करता था। इसके अलावा यह जिला पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के लिए याद किया जाता है। बलिया से कई क्रांतिकारी इस देश के लिए पैदा हुए, जिनमें मंगल पांडेय, चित्तू पांडेय, जय प्रकाश नारायण, हजारी प्रसाद द्विवेदी जैसे दिग्गज शामिल हैं। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि महान ऋषि जमदग्नि, वाल्मीकि, भृगु और दुर्वासा आदि ऋषियों के आश्रम बलिया में ही थे। अपने आप में कई इतिहास समेटे बलिया पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की कर्मभूमि के रूप में भी जाना जाता है। गंगा और सरयू नदी के किनारे बसा यह शहर अपने आप में कई सारे राजनैतिक और पौराणिक इतिहास समेटे हुए है।



राजनैतिक लोकसभा इतिहास

बात करें राजनैतिक लोकसभा इतिहास कि तो यहां से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर लगातार 6 बार चुनाव जीते। इस सीट पर पहली बार चुनाव 1952 में हुए। उसके बाद 1957 में चुनाव हुए.इस चुनाव में कांग्रेस के राधामोहन दूसरी बार सांसद बने। 1962 के चुनाव में कांग्रेस के मुरलीमनोहर सांसद बने। 1967 और 1971 में कांग्रेस चंद्रिका प्रसाद सांसद चुने गए। 1977 के चुनाव में पहली बार भारतीय लोकदल से चंद्रशेखर सांसद बने और संसद पहुंचे। 1980 में चंद्रशेखर जेएनपी पार्टी से सांसद चुने गए। 1984 में चंद्रशेखर को कांग्रेस के जगन्नाथ के हाथों हार मिली, लेकिन 1989 के चुनाव में चंद्रशेखर जनता दल से सांसद बने। 1991 के चुनाव में चंद्रशेखर जनता पार्टी से सांसद बने। 1996 के चुनाव में चंद्रशेखर सैप पार्टी से चुनाव जीत कर सांसद बने। 1998 के चुनाव में चंद्रशेखर समाजवादी जनता पार्टी से जीत कर संसद पहुंचे। 1999 के चुनाव में चंद्रशेखर समाजवादी जनता पार्टी से जीत कर संसद पहुंचे। 2004 के चुनाव में भी चंद्रशेखर समाजवादी जनता पार्टी से सांसद चुने गए, लेकिन 8 जुलाई 2007 को चंद्रशेखर  एक गंभीर बीमारी से परलोक सिधार गए। इसके बाद 2007 में हुए उपचुनाव में चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर यहां से उपचुनाव जीत कर संसद पहुंचे। 2009 के चुनाव में नीरज शेखर समाजवादी पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़े और संसद पहुंचे। वहीं इस सीट पर मोदी लहर में पहली बार बीजेपी को 2014 में जीत मिली और भरत सिंह संसद पहुंचे।



चंद्रशेखर 8 बार सांसद चुने गए
चंद्रशेखर अपने लंबे राजनैतिक जीवन में 8 बार सांसद चुने गए और देश के 9वें प्रधानमंत्री 10 नवंबर, 1990 को बने, लेकिन गठबंधन की यह सरकार महज 7 महीने ही चली और 21 जून 1991 को सरकार गिर गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने वीरेंद्र सिंह मस्त को उम्मीदवार बनाया है जबकि समाजवादी पार्टी ने सनातन पांडेय को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने जन अधिकार मंच के प्रत्याशी अमरजीत यादव को समर्थन दिया था, लेकिन अमरजीत यादव का पर्चा खारिज हो गया। जिससे मुख्य लड़ाई बीजेपी और गठबंधन के बीच है।



बलिया संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा आती है। जिनमें फेफना, बलिया नगर, बैरिया, जहूराबाद और मोहम्मदाबाद शामिल हैं। जिनमें जहूराबाद और मोहम्मदाबाद विधानसभा गाजीपुर जिले में पड़ती हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में इनमें 4 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है और जहूराबाद विधानसभा से बीजेपी के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का कब्जा है।



कुल मतदाताओं की संख्या
2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बलिया सीट पर कुल 17 लाख 92 हज़ार 420 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे।  जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 84 हज़ार 467 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 7 हज़ार 891 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 62 है।



2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पहली बार जीत मिली
सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पहली बार जीत मिली और यहां से भगत सिंह सांसद बने। भगत सिंह को कुल 3 लाख 59 हज़ार 758 वोट मिले। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के नीरज शेखर रहे। नीरज को कुल 2 लाख 20 हज़ार 324 वोट मिले। तीसरे नंबर पर कौमी एकता दल से अफजाल अंसारी रहे। अफजाल को कुल 1 लाख 63 हज़ार 943 वोट मिले।



2009 में सपा की हुई जीत
2009 के लोकसभा चुनवा में समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर चुनाव जीते। नीरज शेखर को कुल 2 लाख 76 हज़ार 649 वोट मिले। दूसरे नंबर पर बसपा के संग्राम सिंह यादव रहे। संग्राम को कुल 2 लाख 4 हज़ार 94 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बीजेपी के मनोज सिन्हा रहे। मनोज सिन्हा को कुल 1 लाख 37 हज़ार 740 वोट मिले।



2004 के लोकसभा चुनाव में चंद्रशेखर 8 वीं बार सांसद बने 
2004 के लोकसभा चुनाव में चंद्रशेखर 8वीं बार सांसद बने। इस चुनाव में चंद्रशेखर को 2 लाख 70 हज़ार 136 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर बसपा के कपिल देव यादव रहे। कपिल देव को कुल 1 लाख 89 हज़ार 82 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बीजेपी के परमात्मा नंद तिवारी रहे। परमात्मा नंद को इस चुनाव में 1 लाख 9 हज़ार 499 वोट मिले। हालांकि चंद्रशेखर की 2007 में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद हुए उपचुनाव में चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर यहां से चुनाव जीत कर सांसद बने।

 

Ruby