Loksabha Election 2019: एक नजर रायबरेली लोकसभा सीट पर

punjabkesari.in Friday, May 03, 2019 - 05:03 PM (IST)

रायबरेलीः रायबरेली सीट पूरे देश में सबसे हॉट सीट मानी जाती है, क्यों कि देश के सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी कांग्रेस या अभेद्द दुर्ग रायबरेली सीट ही है, यहां से फिरोज गांधी, इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी संसद पहुंचे हैं, इसलिए इस सीट पर सबकी निगाहें रहती है। आज़ादी के बाद से अब तक इस सीट पर 16 लोकसभा चुनाव और 2 बार उपचुनाव हुए हैं, जिसमें 15 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है। एक बार भारतीय लोकदल और 2 बार बीजेपी ने चुनाव जीता है। ये जीत तब मिली,जब गांधी परिवार को कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ा।

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आगर बात करें इस सीट के राजनैतिक इतिहास की तो पहली बार 1957 के चुनाव में इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी यहां से जीत कर संसद पहुंचे, लेकिन अगले चुनाव में ये सीट आरक्षित कर दी गई। जिससे यहां आरक्षित कोटे से 1962 में बैजनाथ कुरील जीते, लेकिन 1967 के चुनाव में ये सीट फिर से सामान्य वर्ग के लिए कर दी गई। तब जवाहरलाल नेहरू की पुत्री और फिरोज गांधी कि पत्नी इंदिरा गांधी यहां से चुनाव लड़ी और जीत कर संसद पहुंची। इंदिरा इस सीट से 1971 में भी चुनाव जीती, लेकिन इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव में भारतीय लोकदल के राज नरायण ने इंदिरा को चुनाव हरा दिया।

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1980 में हुए आम चुनाव में 1980 में इंदिरा एक बार फिर रायबरेली से मैदान में उतरी और भारी मतों से जीत कर संसद पहुंची। इसके बाद 1984 और 1989 में जवाहर लाल नेहरु के भतीजे अरुण कुमार नेहरु यहां से सासंद चुने गए। 1989 और 1991 में कांग्रेस से शीला कौल ने जीत दर्ज की। 1996 और 1998 में बीजेपी से अशोक सिंह यहां पहली बार कमल खिलाने में कामयाब रहे। इसके बाद से किसी दूसरे दल का खाता इस सीट पर नहीं खुल सका है और कांग्रेस ही लगातार इस सीट से जीतती आ रही है। 1999 में कैप्टन सतीश शर्मा कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव जीते, लेकिन 2004 में राजनीति में कदम रखने वाली सोनिया गांधी कांग्रेस के सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ी और जीती। इसके बाद से यहां सोनिया गांधी ही जीतती रही हैं।

2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर गठबंधन ने सोनिया गांधी के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा है जबकि बीजेपी ने कांग्रेस से ही एमएलसी रहे दिनेश प्रताप सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। या कहा जाता है कि दिनेश सिंह सोनिया गांधी के लिए रणनीति बनाते आए हैं। लेकिन इस बार के चुनाव में दिनेश सिंह , सोनिया गांधी को मात दे पाते हैं या नहीं ये 23 मई को पता लगेगा और ये भी अंदेशा जताया जा रहा है कि सोनिया गांधी का ये आखिरी चुनाव हो सकता है।

रायबरेली लोकसभा के अंतर्गत 5 विधान सभा क्षेत्र आते हैं। इनमें बछरावां, हरचंदपुर, रायबरेली, सरेनी और ऊंचाहार शामिल है। 2017 के विधानसभा चुनाव में  बछरावां और सरेनी सीट पर बीजेपी का कब्जा है। हरचंदपुर और रायबरेली सीट कांग्रेस के पास है। वहीं ऊंचाहार सीट पर सपा का कब्जा है।

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कुल मतदाताओं की संख्या
2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट पर कुल 16 लाख 50 हज़ार 806 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 8 लाख 70 हज़ार 969 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 7 लाख 89 हज़ार 793 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 44 है।

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एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
2014 के लोकसभा चुनाव में चल रहे मोदी लहर में कांग्रेस अपनी 2 परंपरागत सीटों को बचा पाने में कामयाब रही थी। इनमें से रायबरेली सीट एक थी। रायबरेली से सोनिया गांधी ने बीजेपी के अजय अग्रवाल को हराया था। सोनिया गांधी को कुल 5 लाख 26 हज़ार 434 वोट मिले थे जबकि अजय अग्रवाल को कुल 1 लाख 73 हज़ार 721 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बसपा के प्रवेश सिंह थे। प्रवेश को कुल 63 हज़ार 633 वोट मिले थे।

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लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे
2009 में हुए लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी चुनाव जीती। सोनिया गांधी को कुल 4 लाख 81 हज़ार 490 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर बसपा के आरएस कुशवाहा मैदान में थे। कुशवाहा को कुल 1 लाख 9 हज़ार 325 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी के आर बी सिंह रहे। आरबी सिंह को कुल 25 हज़ार 444 वोट मिले थे।

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लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजे
2004 में हुए लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ी। इस चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ बीजेपी के अशोक कुमार सिंह मैदान में थे, लेकिन सोनिया चुनाव जीत गई। सोनिया को कुल 3 लाख 78 हज़ार 107 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर बीजेपी के अशोक कुमार सिंह रहे। अशोक को कुल 1 लाख 18 हज़ार 342 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बसपा के राजेश यादव रहे। राजेश को कुल 57, 543 वोट मिले थे।

 


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Ruby

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