Loksabha Election 2024: एक नजर डुमरियागंज लोकसभा सीट पर, जगदंबिका को बीजेपी का जीवनदान विपक्ष रोक पाएगा पाल का विजयी रथ ?

punjabkesari.in Sunday, Apr 14, 2024 - 01:58 PM (IST)

उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में एक डुमरियागंज लोकसभा सीट है... नेपाल से सटा यह क्षेत्र धार्मिक स्थलों से भरा है... तराई बेल्ट की इस सीट का जिला सिद्धार्थनगर है... तथागत बुद्ध का क्रीड़ास्थल कपिलवस्‍तु भी यहीं पर है... इस सीट के सियासी इतिहास की बात करें, तो साल 1952 के पहले चुनाव में कांग्रेस ने यहां पर जीत दर्ज की थी... केशव देव मालवीय इस सीट पर सांसद बने थे... वहीं साल 1957 के चुनाव में कांग्रेस के राम शंकर लाल चुनाव जीते थे... जबकि साल 1962 के चुनाव में कांग्रेस की हैट्रिक लगाते हुए कृपा शंकर चुनाव जीते थे... हालांकि साल 1967 के चुनाव में जनसंघ के नारायण स्वरूप शर्मा ने चुनाव जीत यहां के सांसद का ताज पहना था... लेकिन अगले चुनाव में कांग्रेस ने फिर से वापसी की थी... साल 1971 के चुनाव में कांग्रेस के केशव देव मालवीय दोबारा सांसद चुने गए थे... साल 1977 के चुनाव में जनता पार्टी से माधव प्रसाद त्रिपाठी ने इस सीट पर बाजी मारी थी... लेकिन साल 1980 के चुनाव में फिर कांग्रेस ने वापसी की थी और काजी जलील अब्बासी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे... साल 1984 के चुनाव में भी यहां पर काजी जलील ने अपनी जीत और कांग्रेस को बरकरार रखा था... लेकिन साल 1989 के चुनाव में जनता दल के बृजभूषण तिवारी इस सीट पर सांसद चुने गए थे... लेकिन साल 1991 के चुनाव में राम मंदिर लहर में इस सीट पर बीजेपी का खाता खुल गया था... रामपाल सिंह यहां से बीजेपी के पहले सासंद बने थे... साल 1996 के चुनाव में बृजभूषण तिवारी ने सपा में शामिल होकर यहां से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की... लेकिन साल 1998  और 1999 के चुनाव में रामपाल सिंह ने दोबारा से बीजेपी को यहां पर जीत दिलाई थी... हालांकि साल 2004 के चुनाव में बसपा के मोहम्मद मुकीम ने इस सीट पर जीत हासिल की थी... उन्होंने पहली बार बसपा को यहां जीत दिलाई थी... इसके बाद साल 2009 में लंबे समय बाद कांग्रेस के जगदम्बिका पाल ने इस सीट पर पंजे को जीवनदान दिया था... लेकिन साल 2014 के चुनाव में जगदंबिका पाल पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए थे... पाल बीजेपी के टिकट पर 2014 का चुनाव लड़कर संसद पहुंचे थे... इसके बाद उन्होंने साल 2019 का पिछला और अपना तीसरा चुनाव भी बीजेपी के सिंबल पर ही जीता है... वो इस सीट एक बार कांग्रेस और बार बीजेपी से लगातार चुनाव जीत कर हैट्रिक बना चुके हैं... डेढ़ दशक से डुमरियागंज में जगदंबिका पाल का ही राज है...

आपको बता दें कि डुमरियागंज संसदीय सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं... जिनमें डुमरियागंज, शोहरतगढ़, कपिलवस्तु सुरक्षित, बांसी और इटवा शामिल हैं... ये सभी सिद्धार्थनगर जिले के तहत आती हैं सिद्धार्थनगर

साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र की तीन सीटें बीजेपी और उसके घटक अपना दल ने जीती हैं... जबकि दो सीट डुमरियागंज और इटवा पर समाजवादी पार्टी के विधायक चुने गए हैं... वहीं शोहरतगढ़ अपना दल और कपिलवस्तु सुरक्षित व बांसी बीजेपी के पास है...

 

अगर बात मतदाताओं की करें, तो डुमरियागंज लोकसभा सीट पर कुल 18 लाख 65 हजार 469 वोटर हैं... जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 10 लाख 7  हजार 798  है... जबकि महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 57 हजार 501 है... वहीं ट्रांसजेंडर वोटरों की संख्या 170 है...

 

आइए एक नजर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर डालते हैं...

डुमरियागंज सीट पर साल 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी... बीजेपी के जगदंबिका पाल ने बसपा के आफताब आलम को करीब एक लाख वोटों से हराया था... जगदंबिका पाल को कुल 4 लाख 92 हजार 253 वोट मिले थे... जबकि दूसरे नंबर पर रहे आफताब आलम को 3 लाख 86 हजार 932 मत मिले थे... वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के चंद्रेश उपाध्याय रहे थे... चंद्रेश उपाध्याय को केवल 60 हजार 549 वोट पड़े थे...

 

आइए एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालते हैं...

इस लोकसभा सीट पर साल 2014 के चुनाव की बात करें, तो कांग्रेस से बीजेपी में आए जगदंबिका पाल चुनाव जीते थे... जगदंबिका पाल को कुल 2 लाख 98 हजार 845 वोट मिले थे... जबकि दूसरे नंबर पर बसपा के मोहम्मद मुकीम रहे थे... मुकीम को कुल 1 लाख 95 हजार 257 वोट मिले... वहीं तीसरे नंबर पर सपा के माता प्रसाद पांडेय रहे थे... माता प्रसाद पांडेय को कुल 1 लाख 74 हजार 778 वोट मिले थे... चौथे नंबर पर पीस पार्टी के डॉ. मुहम्मद अय्यूब रहे थे... अय्यूब को कुल 99 हजार 242 वोट मिले थे, जिन्होंने बीजेपी की जीत को आसान बनाने में अहम भूमिका निभाई थी...

 

आइए एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालते हैं...

बात साल 2009 के लोकसभा चुनाव की करें, तो डुमरियागंज सीट पर जगदंबिका पाल कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव जीते थे... जगदंबिका पाल को कुल 2 लाख 29 हजार 872 वोट मिले थे... जबकि दूसरे नंबर पर बीजेपी के जय प्रताप सिंह रहे थे... जय प्रताप सिंह को कुल 1 लाख 53 हजार 306 वोट मिले... तीसरे नंबर पर बसपा के मोहम्मद मुकीम थे... मुकीम को कुल 1 लाख 51 हजार 787 वोट मिले थे... चौथे नंबर पर पीस पार्टी के इनामुल्लाह चौधरी रहे थे, जिनको 79 हजार 820 वोट पड़े थे...

 

आइए एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालते हैं...

अगर साल 2004 के लोकसभा चुनाव पर नजर डाले, तो डुमरियागंज लोकसभा सीट पर बसपा का खाता खुला था... बसपा के मुहम्मद मुकीम यहां से सांसद चुने गए थे... मुकीम को कुल 2 लाख 2 हजार 544 वोट मिले थे... जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस के जगदंबिका पाल रहे थे... जगदंबिका पाल को कुल 1 लाख 49 हजार 642 वोट मिले थे... वहीं तीसरे नंबर पर सपा के बृज भूषण तिवारी रहे... बृज भूषण तिवारी को कुल 1 लाख 33 हजार 439 वोट मिले थे...

 

आइए एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालते हैं...

डुमरियागंज लोकसभा उत्तर प्रदेश की सीट नंबर- 60 है... इस सीट आजादी के बाद साल 1952 में पहला चुनाव हुआ था... साल 1952, 1957 और 1962 के पहले तीन चुनाव जीतकर कांग्रेस ने यहां पर हैट्रिक लगाई थी... जिसके बाद दूसरी हैट्रिक इस सीट पर जगदंबिका पाल ने लगाई है... पाल एक बार कांग्रेस और दो बार बीजेपी के सिंबल पर लगातार तीन चुनाव जीते हैं... डुमरियागंज सीट पर अब तक कुल 17 बार चुनाव हुआ है... जिनमें कांग्रेस ने इस सीट पर सात बार जीत दर्ज की है... जबकि बीजेपी अब तक पांच बार कब्जा कर चुकी है... वहीं, जनसंघ, जनता पार्टी, जनता दल, समाजवादी पार्टी और बसपा का एक-एक बार सांसद बना है... अगर बात पिछले दो आम चुनाव की करें, तो इस सीट पर बीजेपी का एक दशक से कब्जा है... यह लोकसभा क्षेत्र ब्राह्मण, ओबीसी और मुस्लिम बहुल है... हालांकि दलित, यादव और अन्य सवर्ण बिरादरी के मतदाता भी यहां पर निर्णायक हैं... मोदी लहर में ओबीसी और सवर्ण वोटों की लामबंदी के अलावा मुस्लिम वोटों का बंटवारा भी इस सीट पर चुनाव में बीजेपी को जीत दिला रहा है...

आम चुनाव 2024 की जंग में डुमरियागंज सीट पर बीजेपी ने फिर से जगदंबिका पाल को ही अपना उम्मीदवार बनाया है... जबकि सपा और बसपा ने अभी यहां पर प्रत्याशी को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले है... हालांकि सूत्रों की मानें तो सपा मजबूत ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा सकती है... जबकि बसपा चर्चित मुस्लिम को हाथी की सवारी का मौका दे सकती है... ऐसे में सूबे के फिलहाल बने सियासी माहौल तय है कि इस बार डुमरियागंज की राह में मुकाबला कड़ा रहेगा।

Content Editor

Anil Kapoor