Loksabha Election 2024: सुल्तानपुर लोकसभा सीट का इतिहास, कब किसने किसको हराया ?

punjabkesari.in Wednesday, Apr 03, 2024 - 05:00 PM (IST)

Loksabha Election 2024: गोमती नदी के किनारे बसा सुल्तानपुर लोकसभा सीट अपने आप में कई इतिहास समेटे हुए है। इस लोकसभा सीट की पहचान अब चुनाव में बीजेपी के गांधी परिवार से भी जुड़ गई है क्योंकि बीते एक दशक से मेनका गांधी का परिवार इस सीट से चुनाव लड़ रहा है। 2014 के चुनाव में वरुण गांधी यहां से सांसद चुने गए तो 2019 के चुनाव में मेनका गांधी यहां से चुनाव लड़ी और जीतकर संसद पहुंची।
PunjabKesari
अगर बात करें इस सीट के इतिहास की तो लंबे समय तक यह सीट कांग्रेस के पास ही रही। इस सीट पर 17 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इस सीट पर 1957 से लेकर 1977 तक कांग्रेस का कब्जा रहा, लेकिन 1977 में ये सीट कांग्रेस के हाथ से जनसंघ ने छीन ली। हालांकि 1980 और 1984 के चुनाव में कांग्रेस  ने इस सीट पर दुबारा वापसी की। इस सीट पर हुए 1957 के पहले चुनाव में कांग्रेस के गोविंद मालवीय चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। इसके बाद 1962 में हुए चुनाव में कांग्रेस के कुंवर कृष्णा यहां से सांसद बने। फिर 1967 और 1971 के चुनाव में भी ये सीट कांग्रेस के पास ही रही। लेकिन 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी के जुल्फिकार उल्लाह यहां से सांसद बने। हालांकि 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर वापसी करते हुए इस सीट पर कब्जा जमाया और गिरिराज सिंह सांसद बने। वहीं 1984 के चुनाव में कांग्रेस से राज करण सिंह सांसद बने। जबकि 1989 के चुनाव में जनता दल के राम सिंह ने कांग्रेस को फिर से यहां से हराया।

वहीं 1991 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी का खाता खुला और बीजेपी के विश्वनाथ शास्त्री यहां से जीत कर संसद पहुंचे। इसके बाद  1996 और 1998 के चुनाव में देवेंद्र बहादुर राय बीजेपी के खाते से चुनाव जीते। लेकिन अगले ही साल 1999 के चुनाव में बसपा ने पहली बार यहां से खाता खोला और जय भद्र सिंह यहां से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। 2004 के चुनाव में बसपा के खाते से मोहम्मद ताहिर सांसद बने। जबकि 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर यहां से जीत दर्ज की और संजय सिंह सांसद बने। वहीं 2014 के मोदी लहर में वरुण गांधी ने इस सीट को बीजेपी के खाते में डाला और साल 2019 में फिर से मेनका गांधी ने इस सीट पर कमल खिलाया।

इस संसदीय क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें
अगर बात करें विधानसभा सीटों की तो इस संसदीय क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें हैं इनमें इसौली, सुल्तानपुर, सुल्तानपुर सदर, कादीपुर (सुरक्षित) और लम्भुआ सीटें शामिल हैं। 
PunjabKesari
2022 के विधानसभा चुनाव में इनमें से सिर्फ इसौली सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई थी जबकि सुल्तानपुर, सुल्तानपुर सदर, कादीपुर और लम्भुआ विधानसभा सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी।

2019 में हुए लोकसभा चुनाव के मतदाताओं की संख्या
PunjabKesari
2019 में हुए चुनाव में सुल्तानपुर सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 57 हज़ार 047 थी, जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 18 हज़ार 641 थी। जबकि महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 38 हज़ार 317 थी। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 89 रही।ॉ

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
PunjabKesari
सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर साल 2019 में हुए चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी से मेनका गांधी ने जीत दर्ज की थी। मेनका गांधी ने बसपा के चंद्र भद्र सिंह को चुनाव हराया था। मेनका को कुल 4 लाख 59 हज़ार 196 वोट मिले थे। जबकि बसपा के चंद्र भद्र सिंह को 4 लाख 44 हजार 670 वोट मिले..वही तीसरे नंबर पर कांग्रेस के संजय सिंह रहे। जिन्हें महज 41 हजार 681 वोट पड़े। 

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
PunjabKesari
अब अगर 2014 के लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो सुल्तानपुर सीट पर बीजेपी से वरूण गांधी ने जीत दर्ज की थी। वरुण ने बसपा के पवन पांडेय को चुनाव हराया था। वरुण को कुल 4 लाख 10 हज़ार 348 वोट मिले थे। जबकि बसपा के पवन पांडेय को 2 लाख 31 हज़ार 446 वोट मिले थे, वहीं तीसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी से शकील अहमद रहे। शकील को कुल 2 लाख 28 हज़ार 144 वोट मिले थे।

लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे
PunjabKesari
2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से संजय सिंह यहां से सांसद बने संजय सिंह को कुल 3 लाख 411 वोट मिले थे। वहीं दूसरे नंबर पर बसपा के मोहम्मद ताहिर रहे। ताहिर को कुल 2 लाख 1 हज़ार 632 वोट मिले। जबकि तीसरे नंबर पर सपा के अशोक पांडेय रहे। अशोक को कुल 1 लाख 7 हज़ार 895 वोट मिले। 

लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजे
PunjabKesari
2004 के लोकसभा चुनाव में बसपा के मोहम्मद ताहिर चुनाव जीते। ताहिर को कुल 2 लाख 61 हज़ार 564 वोट मिले। वहीं दूसरे नंबर पर सपा के शैलेंद्र प्रताप सिंह रहे। शैलेंद्र को कुल 1 लाख 59 हजार 754 वोट मिले। जबकि तीसरे नंबर कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा रहे। सतीश शर्मा को कुल 1 लाख 54 हज़ार 245 वोट मिले।

सुल्तानपुर संसदीय सीट के जातीय समीकरण को देखें तो 2011 की जनगणना के हिसाब से यहां पर अनुसूचित जाति की आबादी सबसे अधिक है. उनकी जनसंख्या यहां पर 20 फीसदी से अधिक है। इनके अलावा ठाकुर और पंडित बिरादरी के वोटर्स अहम भूमिका में रहते हैं। मुस्लिम वोटर्स भी हार-जीत में अहम भूमिका रखते हैं, लेकिन पिछले 2 चुनावों में जिस तरह से बीजेपी को जीत मिली है, उससे जातीय समीकरण कुछ खास मायने नहीं रखता है, वहीं अगर बात 2024 के लोकसभा चुनाव की करें, तो यहां से बीजेपी ने फिर से मेनका गांधी को मैदान में उतारा हैं। जबकि इंडिया गठबंधन और बसपा ने अब तक किसी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Imran

Recommended News

Related News

static