Loksabha Election 2024: जानें रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट का इतिहास, NDA का किला बन चुकी इस सीट में विपक्ष कर पाएगा सेंधमारी ?
punjabkesari.in Thursday, Mar 28, 2024 - 04:58 PM (IST)

Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक और प्रदेश के पूर्व-दक्षिणी छोर पर बसी। प्रदेश की अंतिम लोकसभा सीट है रॉबर्ट्सगंज। रॉबर्ट्सगंज उत्तर प्रदेश की 17 सुरक्षित सीटों में से एक है जो 1962 के परिसीमन के बाद पहली बार अस्तित्व में आई थी। सोनभद्र के अंतर्गत आने वाली यह सीट पर्यटन और राजनीतिक दोनों ही लिहाज से काफी खूबसूरत है। इस जिले में रिहंद डैम , ओबरा जलताप विद्युत गृह, ज्वाला देवी शक्ति पीठ समेत कई खूबसूरत जगहें हैं। साथ ही मशहूर उन्यास चंद्रकांता का नौगढ़ और विजयगढ़ किला भी इसी जिले के अंतर्गत आता है।
सोनभद्र पहले मिर्जापुर जिले में ही आता था लेकिन बाद में इस क्षेत्र के विकास के लिए मिर्जापुर से अलग कर नया जिला बनाया गया। यह लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां लगभग 24 फीसदी एस सी और 17 फीसदी एस टी वोटर्स हैं। यहां हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के राम स्वरूप विजयी रहे थे और उन्होंने लगातार तीन बार यहां से जीत की हैट्रिक लगाई थी। 2014 के बाद से इस सीट पर एनडीए गठबंधन का दबदबा रहा है। जहां 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में अपना दल सोनेलाल के पकौड़ी लाल कोल ने बाजी मारी थी तो वहीं उससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के छोटेलाल ने लगभग 2 लाख वोटो के अंतर से बसपा के शारदा प्रसाद को पटखनी दी थी।
सीट के अन्तर्गत कुल पांच विधानसभा सीटें
रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट के अन्तर्गत कुल पांच विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से सोनभद्र जिले की 4 सीटें- घोरावल, रॉबर्ट्सगंज , ओबरा सुरक्षित, और दुद्धी सुरक्षित सीटें शामिल हैं। चंदौली जिले की विधानसभा सीट चकिया सुरक्षित भी रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट में ही आती है।
साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में रॉबर्ट्सगंज लोकसभा की सभी सीटों पर भाजपा ने अपना परचम लहराया था। इससे पहले हुए 2017 के विधानसभा चुनाव में भी कुछ यही हाल रहा था। तब यहां की 4 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया था तो वहीं दुद्धी सीट पर अपना दल सोनेलाल ने परचम लहराया था। इस तरह से रॉबर्ट्सगंज लोकसभा की सभी सीटें भाजपा के नेतृत्व वाली एन डी ए गठबंधन के खाते में ही गई थी।
रॉबर्ट्सगंज सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या
लोकसभा चुनाव 2024 में रॉबर्ट्सगंज सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 17 लाख 23 हज़ार 538 है। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 7 लाख 95 हजार 065 है। जबकि महिला वोटर 9 लाख 28 हजार 430 हैं और ट्रांसजेंडर वोटरों की संख्या 43 है।
एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
रॉबर्ट्सगंज सुरक्षित सीट पर साल 2019 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें तो इस सीट पर अपना दल सोनेलाल के पकौड़े लाल कोल 4 लाख 47 हजार 914 वोट पाकर जीते थे। उन्होंने सपा के भाई लाल को 54 हजार 336 वोटों के अंतर से हराया था। दूसरे स्थान पर रहे भाई लाल को 3 लाख 93 हजार 578 वोट मिले थे। यहां तीसरे स्थान पर बसपा के भगवती प्रसाद चौधरी रहे थे। जिनके खाते में केवल 35 हजार 269 वोट ही आए थे।
एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
रॉबर्ट्सगंज सुरक्षित सीट पर साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें तो इस सीट पर बीजेपी के छोटे लाल जीते थे। उन्होंने बसपा के शारदा प्रसाद को 1 लाख 90 हजार 486 वोटों से हराया था। छोटे लाल को कुल 3 लाख 78 हज़ार 211 वोट मिले थे। जबकि बसपा के शारदा प्रसाद को 1 लाख 87 हजार 725 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर रहे सपा उम्मीदवार पकौड़ी लाल कोल को 1 लाख 55 हजार 966 वोट मिले थे।
एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
साल 2009 में रॉबर्ट्सगंज सुरक्षित लोकसभा सीट पर हुए पहले चुनाव में समाजवादी पार्टी से पकौड़ी लाल कोल ने जीत दर्ज की थी। पकौड़ी लाल कोल ने बीएसपी के राम चन्द्र त्यागी को हराया था। पकौड़ी लाल कोल को कुल 2 लाख 16 हजार 478 वोट मिले थे। जबकि बीएसपी के राम चन्द्र त्यागी को 1 लाख 66 हज़ार 219 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी के राम शकल थे। राम शकल को 1 लाख 4 हज़ार 411 वोट मिले थे।
एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
2004 के लोकसभा चुनाव में बसपा के लालचंद्र कोल यहां से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। लालचंद्र को कुल 1 लाख 89 हज़ार 521 वोट मिले। दूसरे नंबर पर सपा से पकौड़ी लाल रहे। पकौड़ी लाल को कुल 1 लाख 79 हजार 159 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बीजेपी के रामशकल रहे। राम शकल को कुल 1 लाख 67 हज़ार 211 वोट मिले।
नक्सलवाद से प्रभावित इस इलाके में एस सी / एस टी वोटर्स
नक्सलवाद से प्रभावित इस इलाके में एस सी / एस टी वोटर्स चुनाव में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इस लोकसभा सीट की अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में बसती है और अभी तक यहां आम सुविधाओं का भी खासा अभाव है। यहां कम साक्षरता होने के चलते मतदान के प्रति लोगों की जागरूकता भी कम ही दिखाई देती है। पिछले आम चुनाव में यहां केवल 57 फीसदी मतदान हुआ था। पिछले दोनों आम चुनावों में यह सीट एन डी ए गठबंधन के खाते में ही गई है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां से अपना दल के पकौड़ी लाल कोल ने बाजी मारी थी और इस बार भी ऐसा माना जा रहा है कि एन डी ए गठबंधन की ओर से एक बार फिर यह सीट अपना दल सोनेलाल के खाते में जा सकती है। विपक्ष ने इस सीट पर अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं। देखना दिलचस्प होगा की क्या इस बार रॉबर्ट्सगंज की जनता विपक्ष पर भरोसा जताएगी....या पिछली बार की तरह इस बार भी यहां एन डी ए की ही बोलबाला रहेगा ?