धार्मिक व सार्वजनिक स्थलों से लाउडस्पीकर का वक्त खत्म, यूपी पुलिस ने शुरु किया एक्शन

punjabkesari.in Tuesday, Jan 16, 2018 - 06:51 PM (IST)

बुलंदशहर(इकबाल सैफी): हाईकोर्ट और सरकार के निर्देश पर धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बजाने को लेकर नियम-कायदे सख्त होते दिख रहे हैं। एक ओर जहां ध्वनि प्रदूषण कम करने को लेकर सारी कवायद की जा रही है। वहीं लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति लेने के लिए धर्मस्थलों के मुतवल्ली अधिकारियों के कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं। बता दें कि यूपी में धार्मिक स्थलों पर बिना अनुमति के बज रहे लाऊडस्पीकर के हटाने की 15 जवनरी को अंतिम तारीख थी। 15 तारीख के बाद जहां लाउडस्पीकर बिना अनुमति के बजते पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

लोगों को नहीं मिल रहा अधिकारियों से जवाब
इसी कड़ी में बुलंदशहर में भी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति लेने का सोमवार को अंतिम दिन था। लोगों की मानें तो उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय, तहसीलो को चक्कर काटते रहे, लेकिन उन्हें अधिकारियों को तरफ से कोई जबाव नहीं मिल सका। लोगों की मानें तो उन्हें अभी तक यह भी नही पता कि कौन आधिकारी उन्हें लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति देगा। 
 
अनुमति लेने के लिए काट रहे अधिकारियों के चक्कर
गौरतलब है कि कोर्ट ने 15 जनवरी के बाद बिना अनुमति लगे लाउडस्पीकर हटाने के आदेश जारी किया था। इसके बाद पुलिस-प्रशासन के अधिकारी शहर के सभी धार्मिकस्थलों की सूची तैयार करवाने में जुट गए। आदेश आने के बाद लोग लाउडस्पीकर की अनुमति के लिए अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। वहीं अधिकारी इस पूरे मामले पर अभी मीटिंग कर स्थिति को भांपने की कोशिश कर रहे हैं। 

बिना अनुमति के बजता मिला लाउडस्पीकर होगी कार्रवाई 
उधर हाईकोर्ट के आदेश के बाद अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने समस्त उप जिलाधिकारी को आदेश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर को चिह्नित कर लें। 15 जनवरी के बाद कहीं भी धार्मिक स्थल पर बिना अनुमति के लाउडस्पीकर बजता मिला तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नही उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का सभी पालन करें और इसमें प्रशासन का सहयोग करें।

अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लें
एडीएम ने कहा कि अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में अधीनस्थ अधिकारियों को भेजकर धार्मिक स्थलों का चिह्नित कराएं और विवादित स्थलों पर अधिकारी स्वयं जाकर देखें। साथ ही कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। विरोध करने वाले लोगों की भी सूची तैयार की जाए। अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लें।