7 घंटे की नींद पूरी न होने से हो सकता है ये खतरा
punjabkesari.in Wednesday, Oct 28, 2015 - 09:56 AM (IST)

लखनऊ: चिकित्सकों का मानना है कि 7 घंटे से कम नींद लेने वाले लोगों पर हृदयाघात का साया मंडराता रहता है। चिकित्सक के अनुसार नींद पूरी न होने से शरीर और दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इससे हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है। एक रिर्पोट के अनुसार 30 प्रतिशत से अधिक वयस्क एक रात में 6 घंटे से कम सोते हैं, जबकि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से रोज कम से कम 7 घंटे की नींद लेना स्वस्थ रहने के लिए बेहद जरूरी है।
कार्डियोलाजिस्ट के अनुसार ऐसे लोग जो कम सोते हैं उनमें रक्तचाप बढऩे का खतरा रहता है। 6 घंटे से कम नींद लेने से दिल पर असर पड़ता है और दिल की रक्तवाहिनियों में दबाव बढ़ जाता है, जिससे हृदयाघात भी हो सकता है। इसके अलावा डायबिटीज भी हो सकती है। किंग जार्ज मैडीकल यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक एस. सी. तिवारी ने आज यहां बताया कि नींद पूरी न होने का सबसे गहरा असर शरीर की प्रतिरोधी क्षमता पर पड़ता है।
6 घंटे से कम सोने पर संक्रमण जल्दी शरीर को घेर लेता है तथा कम सोने वालों को सर्दी-जुकाम अन्य के मुकाबले चार गुना जल्दी जकड़ लेता है। डा.तिवारी ने बताया कि कम नींद से शरीर और दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर व्यक्ति 6 घंटे से कम सोता है, तो याद्दाश्त और शरीर की प्रतिरोधी क्षमता पर असर पड़ता है। इसके अलावा हृदयाघात, रक्तचाप बढऩे का भी खतरा रहता है।
कार्डियोलाजिस्ट के अनुसार ऐसे लोग जो कम सोते हैं उनमें रक्तचाप बढऩे का खतरा रहता है। 6 घंटे से कम नींद लेने से दिल पर असर पड़ता है और दिल की रक्तवाहिनियों में दबाव बढ़ जाता है, जिससे हृदयाघात भी हो सकता है। इसके अलावा डायबिटीज भी हो सकती है। किंग जार्ज मैडीकल यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक एस. सी. तिवारी ने आज यहां बताया कि नींद पूरी न होने का सबसे गहरा असर शरीर की प्रतिरोधी क्षमता पर पड़ता है।
6 घंटे से कम सोने पर संक्रमण जल्दी शरीर को घेर लेता है तथा कम सोने वालों को सर्दी-जुकाम अन्य के मुकाबले चार गुना जल्दी जकड़ लेता है। डा.तिवारी ने बताया कि कम नींद से शरीर और दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर व्यक्ति 6 घंटे से कम सोता है, तो याद्दाश्त और शरीर की प्रतिरोधी क्षमता पर असर पड़ता है। इसके अलावा हृदयाघात, रक्तचाप बढऩे का भी खतरा रहता है।