Lucknow News: UP में बिजली महंगी होने से उपभोक्ताओं को लग सकता है बड़ा झटका, दरों को 18 से 23 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव

punjabkesari.in Tuesday, Jan 10, 2023 - 01:25 PM (IST)

Lucknow News (Ashvani Singh): उत्तर प्रदेश (UP) में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM yogi) सरकार (Government) बिजली उपभोक्ताओं (power consumers) को एक बड़ा झटका दे सकती है। जहां पर अब नए साल में बिजली और भी महंगी हो जाएगी। प्रदेश की बिजली कंपनियों (power companies) ने साल 2023-24 के लिए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (Uttar Pradesh Electricity Regulatory Commission) में दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) के साथ ही बिजली दरों (electricity rates) में 15.85 प्रतिशत औसत वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। इन प्रस्तावित दरें लागू होती है तो बिजली दरों को बढ़ा दिया जाएगा।



बता दें कि राज्य में बिजली कंपनियों की तरफ से सोमवार को विद्युत नियामक आयोग में अलग-अलग दाखिल प्रस्ताव में बिजली दरों में औसत 15.85 प्रतिशत वृद्धि की मांग की गई है। वाणिज्यिक उपभोक्ताओं (commercial consumers) की भी बिजली करीब 12 प्रतिशत महंगी करने का प्रस्ताव है। सभी श्रेणी के वाणिज्यिक उपभोक्ताओं की बिजली दरें एक रुपये प्रति यूनिट वृद्धि का प्रस्ताव दाखिल किया गया है।

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किसानों की बिजली दरों में भी 10 से 12 प्रतिशत तक वृद्धि प्रस्तावित है। वहीं, सर्वाधिक घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं (Most domestic electricity consumers) की दरों में 18 से 23 प्रतिशत तक की वृद्धि का प्रस्ताव है। उद्योगों की 16 प्रतिशत, कृषि की 10 से 12 प्रतिशत व घरेलू लाइफ लाइन उपभोक्ताओं (1 किलोवाट विद्युत लोड और 100 यूनिट प्रति माह बिजली उपभोग वाले उपभोक्ता) की दरों में 17 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव आयोग में दाखिल हुआ है।



92,547 करोड़ रुपये है कंपनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यकता
बिजली कंपनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यकता (annual revenue requirement) लगभग 92,547 करोड़ रुपये है। वहीं, कंपनियों ने 14.9 प्रतिशत की वितरण हानियां दिखाईं हैं। वर्ष 2023-24 का गैप 9,140 करोड़ रुपये है। कुल बिजली खरीद का जो अनुमान है, वह लगभग 1,34,751 मिलियन यूनिट है। यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बिजली कंपनियों के प्रस्ताव का विरोध करते हुए विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह (Chairman RP Singh) तथा सदस्य विनोद कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात कर लोक महत्व याचिका (public importance litigation) दाखिल कर दी है।

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इस मामले पर उचित फैसला लेगा आयोग- चेयरमैन
विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह ने कहा कि प्रदेश की बिजली कंपनियों पर प्रदेश के उपभोक्ताओं का कुल 25,133 करोड़ रुपये अधिक निकल रहा है, ऐसे में बिजली दरों में एकमुश्त (outright) 35 प्रतिशत या फिर अगले 5 सालों तक 7 प्रतिशत हर एक साल कमी की जाए। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में उपभोक्ताओं की रकम बिजली कंपनियों पर निकल रही है वहां पर बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव देना असंवैधानिक है। विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन ने कहा कि आयोग पूरे मामले पर उचित फैसला लेगा। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि वह हर स्तर पर इस प्रस्ताव का विरोध करेगा।

Content Editor

Pooja Gill