मायावती ने दी गणतंत्र दिवस की बधाई, कहा- देश वादों के बजाय ठोस प्रगति की राह पर चले तो बेहतर
punjabkesari.in Friday, Jan 26, 2024 - 11:50 AM (IST)
Lucknow News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को देश व दुनिया भर में रहने वाले सभी भारतीयों को 75वें गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए सरकार को सलाह दी कि देश दावों एवं वादों के बजाय ठोस प्रगति की राह पर चले तो बेहतर होगा। बसपा प्रमुख ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर अपने बधाई संदेश में कहा, ''देश व दुनिया भर में रहने वाले सभी भारतीयों को 75वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें।'' उन्होंने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि यह वह खास मौका है जब देश की लोकतांत्रिक मान-मर्यादाओं व पवित्र संविधान के आदर्श मानवीय मूल्यों से आमजन को लाभान्वित कराने के प्रति सरकार द्वारा आत्म-चिन्तन की आवश्यकता है।
1. देश व दुनिया भर में रहने वाले सभी भारतीयों को 75वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें। यह वह ख़ास मौका है जब देश के लोकतांत्रिक मान-मर्यादाओं व पवित्र संविधान के आदर्श मानवीय मूल्यों से आमजन को लाभान्वित कराने के प्रति सरकार द्वारा आत्म-चिन्तन भी जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) January 26, 2024
2. भारत का मानवतावादी संविधान देश के समस्त नागरिकों के न्याय व समतामूलक विकास के कल्याणकारी जीवन की गारण्टी देता है, किन्तु इस पर पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा से अमल नहीं करने का परिणाम है कि यहाँ के अधिकतर लोग गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा आदि का त्रस्त जीवन जीने को मजबूर हैं।
— Mayawati (@Mayawati) January 26, 2024
3. देश की प्रगति का सही मापदण्ड गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा आदि का उन्मूलन तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि है, ना कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का विकास या बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों की पूंजी में इजाफा। अतः देश दावों एवं वादों के बजाय ठोस प्रगति की राह पर चले तो बेहतर।
— Mayawati (@Mayawati) January 26, 2024
मिली जानकारी के मुताबिक, अपने अगले पोस्ट में मायावती ने कहा कि भारत का मानवतावादी संविधान देश के समस्त नागरिकों के न्याय व समतामूलक विकास के कल्याणकारी जीवन की गारंटी देता है, किन्तु इस पर पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा से अमल नहीं करने का परिणाम है कि यहां के अधिकतर लोग गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा आदि से त्रस्त जीवन जीने को मजबूर हैं।'' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''देश की प्रगति का सही मापदंड गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा आदि का उन्मूलन तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि है, ना कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का विकास या बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों की पूंजी में इजाफा। अतः देश दावों एवं वादों के बजाय ठोस प्रगति की राह पर चले तो बेहतर।''