बरेली की ओर जाने की तैयारी में सपा का प्रतिनिधिमंडल, प्रशासन हाई अलर्ट पर — हर चौराहे पर कानून की लाठी तैनात!
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 06:42 AM (IST)

Lucknow News: समाजवादी पार्टी (सपा) का 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को यानी आज बरेली जाने की तैयारी में है। इस टीम का नेतृत्व सपा के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे करेंगे। प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य बरेली में हाल ही में हुए विवाद और कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लेना है। लेकिन, बरेली प्रशासन ने पहले ही साफ कर दिया है कि जिले में किसी भी राजनीतिक दल को आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रशासन का मानना है कि अभी हालात संवेदनशील हैं और किसी भी राजनीतिक गतिविधि से शांति भंग हो सकती है। इसलिए सपा नेताओं को रास्ते में या उनके घरों पर ही रोकने की संभावना जताई जा रही है।
सपा का उद्देश्य क्या है?
समाजवादी पार्टी के अनुसार, बरेली में जो कुछ भी हुआ उसकी असली स्थिति जानने और जनता की समस्याएं सुनने के लिए उनका प्रतिनिधिमंडल शांति से बरेली जाना चाहता है। माता प्रसाद पांडे ने कहा कि हम लोकतांत्रिक तरीके से बरेली जाकर वहां की जनता की बात सुनना चाहते हैं। प्रशासन का हमें रोकना संविधान के खिलाफ है। यह अलोकतांत्रिक फैसला है।
प्रशासन का सख्त रुख
बरेली प्रशासन का कहना है कि जिले में अभी स्थिति सामान्य नहीं हुई है। इसलिए किसी भी तरह की राजनीतिक हलचल पर रोक लगाना जरूरी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी राजनीतिक दलों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि बरेली में प्रवेश की अनुमति नहीं है। यह फैसला जनता की भलाई और शांति बनाए रखने के लिए लिया गया है।
सपा ने दी चेतावनी
सपा प्रवक्ता ने प्रशासन के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश है। हम बरेली की जनता के साथ खड़े हैं और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाते रहेंगे। अगर हमें रोका गया, तो हम धरना और प्रदर्शन करेंगे। इस बीच, बरेली की सीमाओं पर पुलिस तैनात कर दी गई है और हर आने-जाने वाले की कड़ी निगरानी की जा रही है।
बरेली में क्या हुआ था?
26 सितंबर 2025 जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद को लेकर प्रदर्शन किया। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के आह्वान पर।
प्रदर्शन की योजना
प्रदर्शनकारियों की योजना थी कि नमाज के बाद वे प्रदर्शन मार्च निकालें और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपें। इसके लिए वे नौमहला मस्जिद के पास इकट्ठा हुए थे। लेकिन प्रशासन ने इस मार्च की कोई अनुमति नहीं दी थी। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर लोगों को रोकने की कोशिश की।
कैसे भड़की हिंसा?
प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने लगे। पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। स्थिति बेकाबू होते देख, पुलिस ने इसे एक पूर्वनियोजित साजिश बताया और कार्रवाई शुरू की।
अब तक की कार्रवाई
मौलाना तौकीर रजा सहित 55 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया। बरेली के बाहर से आए लोगों जैसे इदरीस, इकबाल और ताजिम को पुलिस ने एनकाउंटर जैसे ऑपरेशन में पकड़ा। 1700 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, आरोप हैं कि दंगा भड़काना, पुलिस पर हमला करना, आदि। इंटरनेट सेवाएं कई दिनों तक बंद रहीं। अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाया गया – ये आरोपी लोगों की संपत्तियां बताई गईं।