सण्डे हो या मण्डे-रोज खाओ अण्डे

punjabkesari.in Friday, Oct 09, 2015 - 07:10 PM (IST)

लखनऊ:  प्रोटीन के सबसे समृद्ध स्रोत अंडे की देश में सालाना प्रतिव्यक्ति खपत तयशुदा मानकों के एक तिहाई से भी कम है। विश्व अंडा दिवस के अवसर पर आज यहां आयोजित ‘‘जागरुकता कार्यक्रम’’ में चंडीगढ स्थित केन्द्रीय कुक्कुट विकास संस्थान के डा़ गणेशन ने कहा कि हमारे देश में अण्डे की खपत प्रति व्यक्ति मात्र 65 अण्डे प्रतिवर्ष है जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं नेशनल इंस्टीट्यूट आफ न्यूट्रीशन, हैदराबाद ने इसका मानक 180 अण्डे प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष निर्धारित किया है।

उन्होंने कहा,‘‘बच्चों के विकास के लिए प्रोटीन बहुत आवश्यक है और प्रोटीन सबसे अधिक अण्डे में ही मिलता है।’’ डा़ गणेशन ने बताया कि देश में बैकयार्ड पोल्ट्री जैसी योजनाएं चल रही हैं जिससे लोगों को व्यवसाय तो उपलध होगा ही साथ ही अण्डे की उपलधता बढेगी। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के पशुपालन निदेशक राजेश बाबू वाष्र्णेय ने कहा कि अण्डे का सेवन विशेष कर पांच -छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को कराना चाहिए। इससे उनके दिमाग, मांसपेशियो,  क्षमता के विकास के साथ साथ हड्डी एवं बाल भी मजबूत होते हैं।

उन्होंने कहा कि इस दिवस का आयोजन मुयत: अण्डे के सेवन के प्रति लोगों की रुचि बढाना एवं इसमें उपलध पौष्टिक अवयवों से लाभ के प्रति आम जनमानस को जागरुक करना है। इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने लोगों से अण्डों को अपने दैनिक आहार में समिलित करने का आह्वान किया।  इस अवसर पर लगभग 600 बच्चों ने सेन्टीनियल कालेज से मुय चिकित्साधिकारी कार्यालय तक लगभग एक किलोमीटर तक जागरुकता रैली निकाली जिसकी अगुवाई डा़ राजेश वाष्र्णेय ने की।