लखनऊ यूनिवर्सिटी पेपर लीक मामलाः प्रेस कॉफ्रेंस में कुलपति ने मामले को बताया बेबुनियाद

punjabkesari.in Sunday, Dec 15, 2019 - 11:09 AM (IST)

लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय पेपर लीक विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं मामले में शनिवार को नया मोड़ सामने आया है। पता चला है कि विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति और तत्कालीन कुलसचिव एसके शुक्ला ने ही महिला परीक्षार्थी ऋचा मिश्रा की शिक्षकों से मुलाकात कराई थी। विधि संकाय के शिक्षकों ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर यह जानकारी दी है। कुलपति ने मामले को भी बेबुनियाद बताया।

बता दें कि शिक्षकों के अनुसार पेपर लीक होने की बात बेबुनियाद है। वायरल हुए ऑडियो में जिन सवालों की बात की जा रही है, वे प्रश्नपत्र में पूछे ही नहीं गए। आवाज किसकी है, इसकी जांच भी नहीं की गई। इस सबके बिना ही शिक्षकों के निलंबन और एफआईआर की कार्रवाई शुरू कर दी गई। पूरा मामला ही फर्जी है।

लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय अध्यक्ष प्रो.सीपी सिंह के साथ ही विधि संकाय परीक्षा के सुपरिटेंडेंट तथा प्रो.बीडी सिंह और डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने प्रेसवार्ता को संबोधित किया। कार्यवाहक कुलपति ने शिक्षकों पर आरोपों को नकार दिया है।

प्रो.सीपी सिंह ने कहा कि 8 या 9 अक्तूबर को कुलपति शैलेश शुक्ला जो उस समय कुलसचिव थे, ने उनसे बात करके संकाय आने की बात कही थी। संभवत: 12 अक्तूबर को शैलेश शुक्ला संकाय आए। इसके बाद वह महिला भी आ गईं। उन्होंने सामान्य शिष्टाचार में शिक्षकों से उस महिला का परिचय कराया था, पर सहयोग करने की बात नहीं कही थी।

वहीं प्रो.एके विश्वकर्मा ने दावा किया कि ऑडियो से प्रश्नपत्र का मिलान कराया गया है। वायरल ऑडियो में जो सवाल कहे जा रहे हैं वे पेपर में पूछे ही नहीं गए हैं। ऑडियो में यह बात भी साबित नहीं हो रही है कि बातचीत करने वाले व्यक्ति कौन हैं। मोबाइल पर जो बातचीत है वह सिर्फ सिलेबस का हिस्सा है। लविवि में विवि के साथ ही चार एसोसिएट कॉलेज और अन्य विवि के शिक्षक भी पेपर बनाते हैं। ऑडियो में पेपर बताने वाले की आवाज स्पष्ट नहीं है।



 

Tamanna Bhardwaj