मुलायम का चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लेना बना चर्चा का विषय

punjabkesari.in Thursday, Feb 09, 2017 - 01:55 PM (IST)

लखनऊ:उत्तर प्रदेश में तीन दशकों से अधिक चुनाव की धुरी रहे समाजवादी पार्टी (सपा) संरक्षक मुलायम सिंह यादव के प्रचार में हिस्सा नहीं लेना आम और खास लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। मुलायम सिंह यादव इससे पहले के चुनाव में अपनी पार्टी के मुख्य प्रचारक रहा करते थे। स्टार प्रचारकों की सूची में इस बार भी वह अपनी पार्टी में लिखत-पढ़त में सबसे ऊपर हैं, लेकिन प्रथम चरण में 15 जिलो की 73 सीटों पर 11 फरवरी को होने वाले मतदान में प्रचार के लिए नहीं निकले। यादव का चुनाव प्रचार के लिए नहीं निकलने के कई मायने लगाए जा रहे हैं। प्रथम चरण का प्रचार अभियान भी आज शाम थम जाएगा। कुछ लोगों का मानना है कि पारिवारिक विवाद की वजह से खिन्न यादव ने चुनाव प्रचार से अपने को अलग रखा है जबकि कई लोग इस मत के भी हैं कि वह जनसभाओं में पता नहीं क्या बोल दें इसलिए जान बूझकर उन्हे प्रचार अभियान से अभी तक अलग रखा गया है। इसके पीछे एक रणनीति बताई जा रही है।

पार्टी की नई पीढ़ी अपने पैरों पर खड़ी हो
मुलायम सिंह यादव के एक करीबी ने कहा कि सपा संरक्षक प्रचार अभियान से जान बूझकर अलग हैं। वह चाहते हैं कि पार्टी की नई पीढ़ी अपने पैरों पर खड़ी हो। उसमें निर्णय लेने की मजबूत क्षमता पैदा हो। लेकिन एक बड़ा तबका इससे अलग अपनी राय व्यक्त करता है। इस तबके का मानना है कि यादव पार्टी के अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहते थे। उन्हें जिस तरह से हटाया गया उससे वह आहत हैं। इसीलिए प्रचार के लिए नहीं निकल रहे हैं।

पार्टी और साइकिल मुलायम सिंह यादव की
तमाम अटकलों के बीच यादव के बेटे और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है, कि वह मेरे पिता हैं। उनका आशीर्वाद सदैव मेरे साथ है। पार्टी और साइकिल उन्हीं की है। उनके बगैर मैं अपने राजनीतिक जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता। वह प्रचार में निकलेंगे। इन सब बातों से इतर राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले पुराने लोग मुलायम सिंह यादव के चुनाव प्रचार से अपने को अलग रखने पर आश्चर्य व्यक्त करते हैं और कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में हमेशा एक राजनीतिक पक्ष रहे मुलायम सिंह यादव अपने को प्रचार अभियान से जोड़ने से आखिर रोक कैसे पा रहे हैं।

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