माघ मेला 2020: भावुक मन से विदा हुए कल्पवासी, अगले साल फिर आने का लिया संकल्प

punjabkesari.in Wednesday, Feb 12, 2020 - 12:11 PM (IST)

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माघ पूर्णिमा स्नान पर्व के बाद तीन दिन तक चलने वाले  त्रिजटा स्नान का समापन हो गया। अब पूरी तरीके से कल्पवासी संगम की रेती से विदा हो रहे हैं। ये सभी कल्पवासी पौष पूर्णिमा स्नान से पहले संगम की रेती पर आ गए थे और 1 महीने तक कल्पवास करने के बाद अब वह अपने अपने घर लौट रहे हैं।
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हालांकि  माघी पूर्णिमा स्नान पर्व पर ही  कई कल्पवासी लौट गए थे लेकिन अधिकतर कल्पवासी  त्रिजटा का स्नान करने के बाद अब लौट रहे हैं। त्रिजटा का स्नान माघी पूर्णिमा के बाद लगातार तीन दिन तक होता है और इन 3 दिनों में कल्पवासी गंगा स्नान करते हैं, सूर्य को अर्घ्य देते हैं, दान देते हैं और उसके बाद ही अपने घर लौटते हैं।
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बता दें कि कल्पवासी जब लौट रहे होते हैं तो यह बेहद भावुक पल होता है क्योंकि देश के अलग-अलग हिस्सों से कल्पवासी यहां कल्पवास करने आते हैं। 1 महीने तक यहां कल्पवास के दौरान कई अपरिचित लोगों से परिचय बनता है और जब 1 महीने का कल्पवास पूरा होता है तो सब भावुक हो जाते हैं। कल्पवासियों के जाने से संगम की रेती मैं अब वो रौनक दिखाई नहीं दे रही है। जगह-जगह मेले मैं लगे पंडालों को हटाया जा रहा है। कल्पवासियों के टेंट को भी निकालने का काम शुरू हो गया है।
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वहीं प्रतापगढ़ से आई कल्पवासी अंशू पांडेय ने कहा कि साल भर तक वह संगम में आने का इंतजार करते हैं और अब वह इस संकल्प के साथ घर जा रहे हैं कि अगले साल कल्पवास में फिर आएंगे।
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दिल्ली से आई कल्पवासी महिला एन त्रिपाठी का कहना है कि कल्पवास के दौरान लोगों से एक अलग सा रिश्ता जुड़ जाता है जो  हमेशा के लिए यादगार बन जाता है। 1 महीने से एक साथ रहने के बाद किसी को छोड़कर जाने का मन नहीं करता है। ऐसा लगता है कि कोई अपना बिछड़ रहा है।

 


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Ajay kumar

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