यूपी में बीजेपी के इस 'चाणक्य' के आगे नहीं टिक पाया 'पीके' का जादू

punjabkesari.in Sunday, Mar 12, 2017 - 02:21 PM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत के लिए भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को श्रेय मिल रहा हो। लेकिन पर्दे के पीछे से बीजेपी के लिए 'चाणक्य' के तौर पर काम करने वाले सुनील बंसल को भी इस जीत का उतना ही श्रेय जाता है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात से बाहर निकल दिल्ली की राजनीति में कदम रख रहे थे, तब उत्तर प्रदेश के लिए उन्होंने अमित शाह को जिम्मेदारी सौंपी थी। उसी समय अमित शाह राजस्थान में एबीवीपी के सदस्य सुनील बंसल को केंद्रीय राजनीति में लाएं थे।

2014 में भी चली थी शाह और बंसल की जोड़ी 
शाह और बंसल की जोड़ी ने 2014 में बीजेपी और सहयोगियों को 80 में से 73 सीटें दिलवाई। जिसके बाद शाह बीजेपी के अध्यक्ष बने तो वहीं सुनील बंसल को बीजेपी का ज्वाइंट सेकेट्ररी बनाया गया। 2014 की तरह इस बार भी बंसल ने लखनऊ से मोर्चा संभाला और यूपी विजय की रणनीति पर काम किया। बंसल ने संघ और बीजेपी कार्यकर्ताओं में समन्वय बनाकर अपनी रणनीति को आगे बढ़ाया।

बूथ को बनाया टारगेट
शाह और बंसल की जोड़ी का असर बीजेपी के टिकट बंटवारे पर भी दिखा। यही कारण है कि बीजेपी को यूपी में हर तबके का साथ मिला और ऐसा बहुमत मिल पाया। बंसल ने अपना पूरा फोकस दलित, ओबीसी, युवाओं और महिलाओं पर रखा, साथ ही बूथ लेवल पर जीत को निश्चित किया।

सपा-कांग्रेस के चाणक्य को दी मात
इस बार के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी अपने चाणक्य प्रशांत किशोर के भरोसे यूपी फतह की बात कर रही थी। लेकिन इस बार पीके की रणनीति सफल नहीं हो पाई और सुनील बंसल राजनीति के एक नए चाणक्य के रूप में उभर कर आएं हैं।