जूना अखाड़े ने 60 महिला नागा सन्यासियों को दी दीक्षा, नग्न रहने के बजाए लपेटती हैं गेरुआ वस्त्र

punjabkesari.in Thursday, Jan 31, 2019 - 11:22 AM (IST)

प्रयागराजः प्रयागराज कुंभ में पंच दशनाम जूना अखाड़े ने बुधवार को 60 महिला नागा सन्यासियों को दीक्षा दी। एक संत के मुताबिक, अखाड़े के साधु-महात्मा महिला के घर और उसके पिछले जीवन के बारे में जांच पड़ताल करते हैं और इन सबके बाद गुरू के इस बात से संतुष्ट होने पर कि अमुक महिला ब्रह्मचर्य का पालन कर सकती है, उसे दीक्षा दी जाती है।

नग्न रहने के बजाए लपेटती हैं गेरुआ वस्त्र
नागा साधुओं के अखाड़ों में महिला सन्यासियों की एक खास पहचान होती है और ये महिला साधु पुरुष नागाओं की तरह नग्न रहने के बजाए एक गेरुआ वस्त्र लपेटे रहती हैं। महिला नागा सन्यासियों को बिना वस्त्रों के शाही स्नान करना वर्जित रहता है। जूना अखाड़े की महामंत्री शैलजा देवी ने बताया कि किसी भी पुरुष या महिला को नागा सन्यासी बनने से पहले साधु का जीवन व्यतीत करना पड़ता है। कई पड़ाव पार करने के बाद उन्हें नागा सन्यासी बनने की दीक्षा दी जाती है। सन्यास लेने वाली सन्यासियों को उनके इच्छा अनुसार अखाड़ा चुनना होता है और उसी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर उन्हें दीक्षा देते हैं।

उन्होंने बताया कि पूर्व में सन्यास धारण किए महिलाओं सन्यासियों को पूरे विधि-विधान से अखाडों की परंपरा के अनुसार उनका मुंडन कराया गया और फिर उन्हें गोमूत्र, दही, भस्म, गोबर, चंदन और हल्दी दशविधि से स्नान कराया गया। उसके बाद गंगा में स्नान कराया गया। इस स्नान के बाद उनके सारे पाप धुल जाते हैं। ये सभी अब आजीवन एक समय भोजन ग्रहण करेंगी और जमीन पर सोएंगी।

Deepika Rajput