UP: कासगंज कांड का मुख्य आरोपी मोती सिंह एनकाउंटर में ढेर, सिपाही की हत्या में था वांटेड

punjabkesari.in Sunday, Feb 21, 2021 - 08:50 AM (IST)

कासगंज: उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में पुलिस पर हमला करने वाला मुख्य आरोपी मोती मुठभेड़ में मारा गया। मोती सिढ़पुरा क्षेत्र के नगला धीमर का रहने वाला था। मोती बड़े पैमाने पर कच्ची शराब का कारोबार करता था और उस पर 11 मुकदमे चल रहे थे। इसी को लेकर 9 फरवरी को सिढ़पुरा कोतवाली क्षेत्र के दारोगा अशोक और सिपाही देवेन्द्र आरोपी मोती के घर नोटिस चस्पा करने गए थे। जहां सिपाही को बेरहमी से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया और दारोगा गंभीर रुप से घायल कर खेत में फेंक दिया गया।

जानकारी मुताबिक घटना के 10 दिन बाद पुलिस को सूचना मिली की कासगंज कांड का मुख्य आरोपी मोती काली नदी के पास है। सूचना मिलने के तुरंत बाद पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए पहुंचती है। जहां पुलिस और आरोपी के बीच में मुठभेड़ हो जाती है। इसी दौरान पुलिस की गोली लगने से आरोपी मोती की मौत हो जाती है।

PunjabKesariगांव के लोगों ने पुलिस को बताया था कि मोती अपने भाई और साथियों के साथ मिलकर पास के ही जंगल में कच्ची शराब बना रहा है। उसके बाद दरोगा अशोक और सिपाही देवेन्द्र उसके पास पहुंच जाते है। पुलिस और शराब माफिया मोती के बीच विवाद हो जाता है। धीरे-धीरे  विवाद इतना बढ़ जाता है कि शराब माफिया मोती अपने भाई और साथियों के साथ दरोगा और सिपाही पर जानलेवा हमला बोल देता है। वहीं द3रोगा अशोक को पे़ड से बांध दिया जाता है और शराब बनाने में प्रयोग भाले से दरोगा के सर और पेट पर वार कर किया जाता है।

इसी दौरान सिपाही देवेन्द्र अपनी जान बचाने के लिए भागने लगता है तो आरोपी सिपाही को पकड़कर जमकर पीटते है और सिपाही को मौत के घाट उतार देते है। इसके बाद आरोपी दरोगा को मृत समझकर छोड़ देते है। उधर ग्रामीण पुलिस पर हमले की सूचना क्षेत्र के अधिकारियों को देते है। पुलिस पर हमले की सूचना मिलते ही अधिकारियों में हड़कंप मच जाता है और भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच जाती है।

PunjabKesariघटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस को दारोगा घायल अवस्था में मिलता है जिसको फौरन जिला अस्पताल में भर्ती कराया जाता है ।जहां डॉक्टर दारोगा की हालत गंभीर बताते हुए अलीगढ़ रैफर कर देते है। वहीं पुलिस को सिपाही देवेन्द्र घटनास्थल से एक किलोमीटर दूर पड़ा हुआ मिलता है। जिसको जिला अस्पताल में भर्ती कराया जाता है जहां डॉक्टर सिपाही को मृत घोषित कर देते है, वहीं आरोपी घटना को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं।

वहीं मीडिया में खबर चलने के बाद उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना को संज्ञान में लेते हुए  मृत सिपाही के परिजनों को 50 लाख रुपए और परिवार में एक सरकारी नौकरी देने का वादा करते है।  इसके साथ आरोपी मोती और उसके साथियों को जल्द से जल्द पकड़कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी देते है। वहीं मुखबिर से सूचना मिलने पर पुलिस शराब माफिया आरोपी मोती के भाई को पकड़ने जाती है तो आरोपी का भाई पुलिस पर तमंचे से फायर कर देता है और भागने लगता है। जवाबी कार्रवाई में पुलिस भी गोली चलाती है जिससे आरोपी के भाई की मौत हो जाती है। वहीं पुलिस मुख्य आरोपी मोती को पकड़ने के पहले 50 हजार का ईनाम रखती है उसके कुछ ही दिन बाद ईनाम की राशि बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर देती है।


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Content Writer

Anil Kapoor

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