Mainpuri Lok Sabha Seat: आसान नहीं होगी डिंपल यादव की राह, क्या बचा पाएंगी ससुर की विरासत?

punjabkesari.in Saturday, Mar 23, 2024 - 02:36 PM (IST)

Mainpuri News: समाजवादी पार्टी (सपा) का गढ़ मानी जाने वाली मैनपुरी लोकसभा सीट पर यूं तो डिंपल यादव सपा की उम्मीदवार के रूप में उतरी हैं, लेकिन इस बार इस सीट पर उनके लिए जीत की राह इतनी आसान नजर नहीं आ रही है। इस सीट पर मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू डिंपल यादव अपने ससुर की विरासत बचाने के लिए जी-जान से जुटी हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) हर हाल में मैनपुरी सीट जीतने के लिए कद्दावर नेता की तलाश में लगी है। मैनपुरी से इस बार चौंकाने वाला नाम सामने आने की चर्चा है।


इस सीट को जीतने की डिंपल यादव की राह आसान नहीं होने वाली, बीजेपी से गांधी परिवार से कोई या प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र को चुनाव मैदान में उतारने की अटकलें तेज हो गई हैं। प्रत्याशी के नाम पर मोहर एक-दो दिन में लगने की संभावना है। मैनपुरी में एक बार फिर से 1996 के लोकसभा चुनाव से टक्कर होने की प्रबल संभावना है।1996 में मुलायम सिंह यादव (नेताजी) और बीजेपी के उपदेश सिंह चौहान के बीच रोमांचक मुकाबला हुआ था। मैंनपुरी लोकसभा सीट में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं। जनपद के करहल, किशनी, भोगांव व मैनपुरी सदर और इटावा जनपद की जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से बनी मैनपुरी लोकसभा सीट के जातीय समीकरण पर गौर करें, तो मैनपुरी सीट पर हमेशा यादव और क्षत्रिय के बीच कड़ा मुकाबला हुआ है। ब्राह्मण और शाक्य मतदाता हमेशा निर्णायक भूमिका में रहा है। 1996 का लोकसभा चुनाव हो या 1991 का लोकसभा चुनाव। दोनों चुनावों में मैनपुरी का चुनाव काफी रोमांचक रहा है। इस बार फिर से मैनपुरी का चुनाव रोमांचक होने की संभावना है।


मैनपुरी में मुलायम सिंह को कड़ी टक्कर देने वाले राजनाथ सिंह का मैनपुरी में अच्छा -खासा प्रभाव है। राजनाथ सिंह की दो चुनावी सभाएं लगभग हर चुनाव में यहां होती हैं। मैनपुरी शहर और पतारा में पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह की चुनावी सभाएं होने के बाद चुनाव में रोमांच पैदा हो जाता था। इस बार राजनाथ सिंह के पुत्र नीरज और गांधी परिवार से वरुण गांधी को मैनपुरी में केसरिया फहराने के लिए चुनाव मैदान में उतारे जाने की अटकलों से सपा प्रत्याशी डिंपल यादव की जीत की राह आसान नहीं होगी। ऐसे में डिंपल यादव के लिए यही कहा जा सकता है कि बहुत कठिन है डगर जीत की। 

Content Editor

Pooja Gill