भारत बंद: जाम के चलते बीमार पिता को कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचा बेटा, फिर भी नहीं बची जान

punjabkesari.in Tuesday, Apr 03, 2018 - 11:50 AM (IST)

बिजनौरः एससी/एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर सोमवार को पूरे भारत में काफी बवाल हुआ। प्रदर्शनकारियों के प्रदर्शन के दौरान लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई लोगों की इस हिंसक झड़प में मौत हो गई तो कहीं समय पर इलाज ना मिल पाने के कारण मरीज इस दुनिया को अलविदा कह गए। दलित आंदोलन का सबसे अधिक असर यूपी में देखने को मिला। बिजनौर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन में समय पर इलाज ना मिल पाने के कारण एक वृद्ध व्यक्ति की मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक बिजनौर के बारुकी गांव निवासी 68 वर्षीय लोक्का सिंह पेट दर्द से पीड़ित थे और सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। रघुवर ने बताया कि उनके पिता क्रोनिक अस्थमा से पीड़ित थे। रविवार रात जब उनकी स्थिति खराब हो गई तो उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। डॉक्टरों ने उनकी जांच कर इलाज करना शुरू किया। कोई सुधार ना होने पर सोमवार सुबह डॉक्टरों ने मेरठ मेडिकल कॉलेज या किसी प्राइवेट अस्पताल ले जाने को कहा।

परिजन उन्हें शास्त्री चौक पर एक निजी चिकित्सक के यहां लेकर आ रहे थे, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनकी एंबुलेंस को रोक लिया। परिजन करीब 20 मिनट तक प्रदर्शनकारियों के आगे गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन उन्होंने एंबुलेंस को नहीं जाने दिया गया। करीब 2 घंटे तक जाम में फंसे रहने के बाद हालत बिगड़ती देखकर रघुवर ने उनको कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

विमला देवी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की वजह से उनके पति की मौत हुई है। किसी के साथ कोई संवेदना नहीं दिखाई। अगर आज जाम नहीं होता तो मेरी पति की जान बच जाती। आज मैं अगर मेरे माथे का सिंदूर उजड़ा है, तो उसका जिम्मेदार है यह जाम।
 

Deepika Rajput