लोकसभा चुनाव 2019: चुनावी रणक्षेत्र में एक बार फिर मनोज सिन्हा को ललकारेंगे अफजाल

punjabkesari.in Tuesday, Apr 23, 2019 - 03:06 PM (IST)

गाजीपुर: करीब डेढ़ दशक के अंतराल के बाद चुनावी रणक्षेत्र में अफजाल अंसारी और केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा आमने सामने होंगे। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में दोनों प्रत्याशी गाजीपुर आमने-सामने थे, उस वक्त का चुनाव गाजीपुर के इतिहास का सबसे हिंसक माना गया। चुनाव के काफी समय पूर्व से चले आ रहे हत्याओं का दौर मतदान के दिन भी जमकर चला जब सरेआम मतदान के समय दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

उल्लेखनीय है कि 2004 तक गाजीपुर में 2 लोकसभा क्षेत्र हुआ करते थे जिसमें गाजीपुर जिले के सैदपुर, जखनिया और सादात विधानसभा जौनपुर के केराकत एवं बयालसी विधानसभा को मिलाकर सैदपुर सुरक्षित के नाम से एक लोकसभा क्षेत्र हुआ करता था। वहीं गाजीपुर के सदर, जमानियां, दिलदारनगर, जहूराबाद एवं मोहम्मदाबाद विधानसभाओं को मिलाकर गाजीपुर लोकसभा सामान्य सीट पर मनोज सिन्हा सांसद हुआ करते थे।

2004 के लोकसभा चुनाव के समय मनोज सिन्हा गाजीपुर सांसद थे वहीं उनका मुकाबला सपा प्रत्याशी के रूप में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी से था। उस समय जिले में हत्याओं का दौर चल रहा था, जिसे लोग राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और गुटबाजी से जोड़कर देख रहे थे। मतदान के दिन भाजपा कार्यकर्ता गुड्डू गिरहार की गोली मारकर हत्या कर दी गई जिसकी सूचना पर वहां जा रहे सांसद मनोज सिन्हा के भतीजे शेषनाथ राय को भी गोली मार दी गई जिसकी भी इस घटना में मौत हो गई थी।

मतदान के दिन एक ही विधानसभा क्षेत्र में 2 हत्याओं और हिंसक घटनाओं की अफवाह से जिला दहल उठा था। भाजपा कार्यकर्ता जहां मतदान का बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए वहीं केंद्रीय नेतृत्व की टीम मतदान रद्द करने की गुहार लगाने चुनाव आयोग की शरण में भी पहुंचे। हालांकि चुनाव आयोग ने मतदान रद्द नहीं किया, परिणाम घोषित होने पर अफजाल अंसारी भारी मतों से जीत कर गाजीपुर के सांसद बने।

Anil Kapoor