राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कई चेहरे नहीं बनेंगे भूमि पूजन के गवाह

punjabkesari.in Tuesday, Aug 04, 2020 - 07:58 AM (IST)

अयोध्याः  वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते अयोध्या में पांच अगस्त को होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम में मंदिर आंदोलन से जुड़े कई बड़े चेहरे नजर नहीं आयेंगे। पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी,डा मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भी ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग नहीं लेने का फैसला किया है।       

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने स्वीकार किया कि कोरोना वायरस की वजह से कई बुजुर्ग नेताओं को भूमि पूजन कार्यक्रम में वर्चुअली भाग लेने को कहा गया है। उन्होंने कहा ‘‘ हम खेद व्यक्त करते हैं कि हम उन्हें आमंत्रित नहीं कर सके। श्री आडवाणी की आयु 90 वर्ष से अधिक है। वह कैसे आ सकते हैं। कई अन्य महान हस्तियों की भी आयु को देखते हुये नहीं बुलाया गया है। '' उन्होंने खुलासा किया कि कार्यक्रम में 175 मेहमान भाग लेंगे।

राय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत,सह कार्यवाह भैया जी जोशी समेत अन्य मेहमान मंगलवार रात तक अयोध्या पहुंच जायेंगे।        उन्होंने कहा ‘‘ हमने संतो को आमंत्रण दिया है लेकिन उनकी जाति के अनुसार नहीं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इनमें से कुछ खुद को दलित कहते हैं। कुल 133 हिन्दू संतो को कार्यक्रम के लिये आमंत्रण भेजा गया है। नेपाल स्थित जानकी मंदिर के संत को भी भूमि पूजन का न्योता भेजा गया है।आमंत्रित अतिथियों में मोहम्मद शरीफ और रामजन्मभूमि विवाद में बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी भी शामिल हैं। बता दें कि शरीफ वह शख्सियत है जो लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते है। इसके अलावा विहिप के दिवंगत नेता अशोक सिंहल के भतीजे सलिल सिंहल को भी कार्यक्रम में बुलाया गया है।       



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Author

Moulshree Tripathi

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