पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन महिलाओं ने रखा Vat Savitri Vrat, जानिए क्या है मान्यता

punjabkesari.in Friday, May 19, 2023 - 11:54 AM (IST)

फर्रुखाबाद(दिलीप कटियार): हर साल ज्येष्ठ मास के अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाला वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) सुहागिनों ने अपने पति के दीर्घायु एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ मनाया। पारंपरिक श्रृंगार के साथ सुहागिन महिलाओं ने बांस की बनी डलिया में पूजन सामग्री लेकर वट सावित्री पूजन अनुष्ठान विधि-विधान के साथ की। जेठ की भीषण गर्मी के चिलचिलाती धूप के बीच नंगे पैर पूजा की डाली लिए सुहागिन मंदिर और बरगद के पेड़ों तक पहुंची और पूजन किया।

PunjabKesari

पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन महिलाओं ने रखा वट सावित्री व्रत
जानकारी के मुताबिक, फर्रुखाबाद में अपने पति की लम्बी आयु के लिए सुहागिन महिलाओं ने आज के दिन वट वृक्ष की पूजा-अर्चना की। सुहागिनों ने पति की लम्बी उम्र और सुख शांति के लिए वट वृक्ष की पूजा की। नव विवाहिताओं में वट सावित्री पूजा को लेकर खास उत्साह दिख रहा है। वट वृक्ष को आम, लीची सरीखे मौसमी फल अर्पित करने, कच्चे सूत से बांधने और बियेन (हथ पंखा) से ठंडक पहुंचाने के बाद महिलाओं ने आस्था के साथ इसकी परिक्रमा की। पूजा के बाद वट सावित्री कथा भी सुनी जाती है। जेयष्ठ मास के आमावस्या के दिन पड़ने वाले इस पर्व में सुहागिन महिलाएं पूजा की थाली सजाकर वट वृक्ष की बारह बार परिक्रमा करती हैं और फल फूल चढ़ाकर सुख समृद्धि और पति की लंबी आयु की कामना करती है।

PunjabKesari

जानिए, क्या है वट सावित्री व्रत की मान्यता?
बताया जाता है कि इस व्रत की महत्ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि घरों से नई नवेली दुल्हनों के साथ सुहागिन महिलाएं बरगद पेड़ के नीचे पहुंच पूरे दिन पूजा अर्चना करने में लगी रही। व्रती महिलाओं के अनुसार इस व्रत से सबसे पहले सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राणों को यमराज से वापस मांगकर लाई थी, तब से इस व्रत को सुहागिन महिलाएं करती चली आ रही हैं।वट सावित्री व्रत में महिलाएं 108 बार बरगद की परिक्रमा करती हैं। कहते हैं कि शुक्रवार को वट सावित्री पूजन करना बेहद फलदायक होता है। इस दिन महिलाएं सुबह से स्नान कर लेती हैं और सुहाग से जुड़ा हर श्रृंगार करती हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Anil Kapoor

Recommended News

Related News

static