'UP विधानसभा की 32 सीटों पर लड़ेगी RLD, और सीटें बढ़ने की संभावना'

punjabkesari.in Sunday, Nov 28, 2021 - 05:44 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के सहयोगी के तौर पर चुनाव लड़ने के लिए राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने 32 विधानसभा सीटों की पहचान की है, जिनमें से ज्यादातर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हैं। रालोद के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को यह जानकारी दी। रालोद की उप्र इकाई के प्रमुख मसूद अहमद ने बातचीत में कहा कि पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी आगामी विधानसभा चुनाव लड़ें। 

'सपा के नेतृत्व वाला गठबंधन सत्ता में आता है तो अखिलेश होंगे CM'
उन्होंने कहा कि यदि तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिजन विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं तो पार्टी इस पर भी विचार करेगी और उनकी जीत के आधार पर अनुकूल निर्णय करेगी। मसूद ने यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि अगर सपा के नेतृत्व वाला गठबंधन सत्ता में आता है तो अखिलेश यादव मुख्यमंत्री होंगे और रालोद सत्ता में भागीदार होगी। उन्होंने कहा, "अभी तक, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 32 सीटों पर रालोद उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने की बातचीत है और ये सीटें सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, शामली, बुलंदशहर, हाथरस, मथुरा, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद और अमरोहा जिलों में फैली हुई हैं। 

उन्होंने कहा, ''उप्र विधानसभा चुनाव में पार्टी जिन सीटों पर चुनाव लड़ेगी उनकी संख्या और बढ़ने की संभावना है।" यह पूछे जाने पर कि क्या जयंत चौधरी विधानसभा चुनाव में सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के विजयी होने की स्थिति में उपमुख्यमंत्री होंगे, अहमद ने कहा, "मुझे नहीं पता कि जयंत जी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं, लेकिन अगर वह चुनाव लड़ते हैं तो सभी को इसके बारे में पता चल जाएगा।'' रालोद प्रदेश प्रमुख ने कहा, ''लगभग तीन महीने पहले मैंने उनसे पूछा था कि क्या वह 2022 में उप्र विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने तब कहा था कि नहीं, लेकिन राजनीति में, चीजें हफ्तों और महीनों में तेजी से बदलती हैं।'' उन्‍होंने कहा कि पूरी पार्टी चाहती है कि उन्हें चुनाव लड़ने के लिए और कई सीटें हैं जहां से वह चुनाव लड़ सकते हैं।'' 

कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा पर भाजपा पर हमला करते हुए रालोद प्रदेश प्रमुख ने कहा कि भाजपा सोच रही थी कि उसने जमीन में गहरी जड़ें जमा ली हैं और कोई भी उसे अपना रुख बदलने के लिए मजबूर नहीं कर सकता, लेकिन उन्हें (भाजपा) अपने बारे में गलतफहमी और झूठा गुरुर था। उन्होंने सोचा था कि वे किसानों के विरोध को कुचल देंगे और यह आंदोलन लंबे समय तक नहीं टिकेगा लेकिन किसानों ने निर्णायक लड़ाई के लिए दृढ़ निश्चय किया था। मसूद ने कहा कि ''रालोद के पूर्व प्रमुख चौधरी अजित सिंह ने राकेश टिकैत को समर्थन दिया था अन्यथा गणतंत्र दिवस पर लाल किले की हिंसा के बाद किसानों का विरोध लंबे समय तक चलना मुश्किल होता। 

अजित सिंह ने राकेश टिकैत से कहा कि चिंता न करें और न डरें।" केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हजारों किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस से भिड़ गए थे। कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाकर लाल किले पर पहुंचे और स्मारक में प्रवेश किया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने इसके गुंबदों पर धार्मिक झंडे और प्राचीर पर झंडा फहराया, जहां स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा सपा और उसके प्रमुख अखिलेश यादव पर किए जा रहे हमलों पर मसूद ने कहा, “अखिलेश (यादव) पर हमले में जो भाषा (भाजपा नेताओं द्वारा) इस्तेमाल की जा रही है, वह लोगों को पसंद नहीं आ रही है। वास्तव में अखिलेश यादव योगी आदित्यनाथ को 'बाबा' कहकर अधिक सम्मान देते हैं जो कि एक आदरसूचक शब्द है।" 

कांग्रेस के साथ रालोद के गठबंधन की अफवाहों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, "जयंत जी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कांग्रेस का कोई संगठन नहीं है और हमें भाजपा सरकार को हटाना होगा। सपा के साथ हमारा गठबंधन 2019 के लोकसभा चुनाव में जब बसपा प्रमुख मायावती भी थीं तब से सपा के साथ चल रहा है। उन्होंने यह भी साफ किया कि मायावती गठबंधन से निकल गई और हमारा गठबंधन सपा के साथ था और सपा के साथ रहेगा। 

मसूद ने दावा किया कि भाजपा के लोग पहले ही अपनी हार स्वीकार कर चुके हैं।" भाजपा के साथ गठबंधन की किसी भी संभावना को खारिज करते हुए रालोद नेता ने कहा, "अगर कोई नेता है जो मुखर होकर भाजपा के खिलाफ बोल सकता है तो वह जयंत चौधरी हैं और शुरू से ही लड़ते रहे हैं।" अहमद ने उप्र के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर कटाक्ष करते हुए, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद रालोद को 'रोज लुढ़कता दल' करार दिया था, अहमद ने कहा, "आज रालोद 'लुढ़काने वाला दल' बन गया है। 
 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj