मथुरा जवाहर बाग कांड: अदालत ने 43 लोगों को पाया दोषी, अधिकतम 3 साल तक की सजा

punjabkesari.in Tuesday, Jan 22, 2019 - 09:36 AM (IST)

मथुरा: एक स्थानीय अदालत ने मथुरा में जवाहर बाग के 43 कब्जाधारियों को अलग-अलग आरोपों में अधिकतम 3 साल तक के कारावास की सजा सुनाई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। सजा 15 मार्च 2016 को जवाहरबाग में आलू की खुदाई कर रहे उद्यानर्किमयों के साथ मारपीट करने और उन्हें बंधक बनाने के मामले में दी गई है। वहीं, अदालत ने जवाहर बाग पर कब्जा करने वाले रामवृक्ष यादव के करीबी चंदन बोस की पत्नी समेत 2 महिलाओं को बरी कर दिया।

वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सत्येंद्र पाल सिंह ने बताया कि जवाहरबाग पर कब्जा जमाने वाले यादव और उसके समर्थकों पर आरोप था कि उन सभी ने 15 मार्च 2016 को आलू की खुदाई कराने पहुंचे उद्यान विभाग के कर्मचारियों के साथ मारपीट की थी तथा सभी को बंधक बना लिया था। बाद में, मौके पर पहुंचे पुलिस बल ने बंधक बनाए गए उद्यानर्किमयों और उनके साथ आलू खुदाई करने गए मजदूरों को मुक्त कराया था। इस मामले में उद्यान विभाग के निरीक्षक रामस्वरूप शर्मा ने यादव, चंदन बोस समेत करीब डेढ़-200 अज्ञात लोगों के खिलाफ सदर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन पुलिस किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई थी।

उल्लेखनीय है कि इसके बाद बार एसोसिएशन के तत्कालीन सचिव विजय पाल सिंह तोमर द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मथुरा के जवाहर बाग को कब्जामुक्त कराए जाने के लिए दाखिल मामले में अदालत ने जिला प्रशासन को अविलम्ब कार्रवाई सुनिश्चित कर 100 एकड़ से ज्यादा बड़े क्षेत्र में फैले सरकारी (जवाहर) बाग को खाली कराकर न्यायालय को सूचित किए जाने का आदेश किया था। इसी आदेश के अनुपालन के लिए 2 जून 2016 को जब जिला प्रशासन की ओर से एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की अगुआई में जब प्रशासन व पुलिस के अधिकारी पुलिस बल के साथ यादव तथा उसके साथी कब्जाधारियों को जवाहर बाग से बाहर निकलवाने के लिए पहुंचे, तो उन लोगों ने उन सब पर कातिलाना हमला कर दिया।

Anil Kapoor