Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या पर संगम में महास्नान के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, मौन रहकर लगाई आस्था की डुबकी

punjabkesari.in Saturday, Jan 21, 2023 - 11:27 AM (IST)

Mauni Amavasya: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) में माघ मेला-2023 (Magh Mela) के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर सुबह से ही पावन त्रिवेणी के साथ-साथ 18 स्नान घाटों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे है और आस्था की डुबकी (dip of faith) लगा रहे हैं। इस सर्दी के मौसम में रात में दो बार गरज के साथ बारिश भी हुई, जिस ने श्रद्धालुओं की कुछ समस्याएं बढ़ा दी, लेकिन इसके बावजूद भक्तों की आस्था में कोई कमी नहीं आई और श्रद्धालुओं की आस्था मौसम पर भी भारी पड़ गई। श्रद्धालुओं में एक अलग ही ऊर्जा देखने को मिल रही है।



बता दें कि माघ महीने (Magh month) के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) कहा जाता है। मौनी अमावस्या पर मौन रहकर पवित्र नदी या जलकुंड में स्नान और दान करने का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि मौनी अमावस्या पर दान-स्नान करने से इंसान के सारे पाप मिट जाते हैं और उसे उसके मन चाहे फल की प्राप्ति होती है।

यह भी पढ़ेंः Birthday Party: आर्केस्ट्रा में ड्रांस कर रही दलित युवती को अगवा कर दुष्कर्म की कोशिश, दो नामजद समेत 12 के खिलाफ FIR

मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के संगम में स्नान करना भी बहुत लाभकारी बताया गया है। जिसके चलते सुबह 5 बजकर 8 मिनट पर अमावस्या तिथि लगते ही पावन त्रिवेणी के साथ-साथ 18 स्नान घाटों पर लोगों ने पुण्य की डुबकी लगानी शुरू कर दी है।



श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाकर कर रहे हैं दान
इस कड़ाके की ठंड के मौसम में धरती पर उतरे 33 कोटि देवताओं को साक्षी मान कर लोग इहलोक, परलोक तारने के लिए मनौती मांग रहे हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालु हाथ में तिल, अक्षत इत्यादि के साथ आधी डुबकी लगा रहे हैं।‌ इसी के चलते करीब 10 लाख श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाकर दान इत्यादि कर चुके हैं। स्नान उपरांत घाटों पर यथा सामर्थ्य दान, गो-दान किया जा रहा है। मेला क्षेत्र में खिचड़ी का प्रसाद भी वितरित कराया जा रहा है। सारा माहौल भक्तिमय हो चुका है।

यह भी पढ़ेंः अपराधियों की समय-पूर्व रिहाई मामले पर UP के जेल महानिदेशक को SC का ‘कारण बताओ नोटिस'




श्रद्धालुओं के लिए कराई गई हैं सभी व्यवस्थाएं
आस्था की डुबकी लगाने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। लाखों की संख्या में श्रद्धालु जहां पर आ रहे है। विभिन्न संतों की तरफ से इनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था अपने शिविरों में कराई गई है। लगभग सारे शिविर श्रद्धालुओं से भरे दिखाई दे रहे हैं। बस अड्डे, रेलवे स्टेशन पर भी वापसी वाली भीड़ बढ़ने लगी है।

कल्पवासियों के स्वजन, शुभेच्छुओं ने गुरुवार से ही डेरा जमाना शुरू कर दिया था। वहीं, इस बार ग्रह नक्षत्रों का विशेष संयोग बना है। रात 2.59 बजे तक मकर राशि में सूर्य, शुक्र व शनि के संचरण से त्रि-ग्रहीय योग रहेगा। चंद्रमा व बुध धनु राशि में रहेंगे। पद्म पुराण में माघ मास की अमावस्या तिथि सबसे श्रेष्ठ बताई गई है। मान्यता है कि इस दिन संगम में स्नान सुख-समृद्धि प्रदान करता है। इसी लिए भक्त इस दिन संगम पर आस्था की डुबकी लगाते है।   

Content Editor

Pooja Gill