कांग्रेस प्रत्याशी रमाकांत यादव पर बरसे माया-अखिलेश, बताया-बीजेपी का एजेंट

punjabkesari.in Wednesday, May 08, 2019 - 01:00 PM (IST)

भदोही: भदोही में सपा-बसपा गठबंधन को सबसे अधिक खतरा कांग्रेस प्रत्याशी रमाकांत यादव से नजर आ रहा है। इस कारण को देखते हुए मंगलवार को हुई गठबंधन की जनसभा में बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस प्रत्याशी रमाकांत पर जमकर हमलावर रहे और आने वोटरों को आगाह करते हुए गठबंधन को वोट करने की अपील की। गठबंधन को लगता है कि अगर रमाकांत ने यादव वोटरों के साथ पिछड़ों को अपने पक्ष में कर लिया तो यहां गठबंधन को नुकसान उठाना पड़ सकता है। 

इसे देखते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भाषण के दौरान रमाकांत यादव पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को मालूम पड़ा है कि आजमगढ़ से कांग्रेस उम्मीदवार यह प्रचार कर रहा है कि उसने आजमगढ़ में अखिलेश यादव का समर्थन किया है इसलिए यहां से चुनाव लड़ रहा है। मैं कहना चाहती हूं कि वो(रमाकांत) अखिलेश के इतने ही शुभचिंतक थे तो उन्हें किसी भी पार्टी से चुनाव नहीं लडऩा चाहिए था बल्कि आजमगढ़ में रहकर अखिलेश यादव को चुनाव लड़ाना चाहिए था। इसलिए मुझे दाल में जरूर कुछ काला नजर आता है। भाजपा ने उसे जानबूझ कर कांग्रेस में भेजकर यहां से चुनाव लड़ाया है ताकि यादव समाज का वोट बंट जाय और गठबंधन में दरार पड़ जाय। इसलिए मेरा कहना है कि इस कुचक्र में न पड़कर अपना वोट गठबंधन उम्मीदवार को देने का काम करें। 

रमाकांत पर मायावती के हमलावर होने के बाद अखिलेश यादव ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और बिना नाम लिए उन्हें आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि एक लोग आजमगढ़ से भी यहां आए हैं लेकिन गठबंधन की मदद करो। यह चुनाव देश को बदलने वाला है। कोई कन्फ्यूजन मत रखना क्योंकि दूसरी पार्टी से आये लोग गठबंधन को कमजोर करना चाहते हैं। आजमगढ़ से आने वाले को इतना ही मान सम्मान का ख्याल था तो वो नेताजी के सामने चुनाव क्यों लड़े थे। इस तरह के काम पहले अंग्रेज करते थे कि फूट डालो राज करो। उन्होंने अपने समर्थकों को सावधान रहते हुए यहां बसपा प्रत्याशी को वोट देने की अपील की। 

गौरतलब है कि पूर्व सांसद रमाकांत यादव आजमगढ़ से आकर भदोही से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने और उनकी पार्टी ने आजमगढ़ में अखिलेश यादव का समर्थन किया है। रमाकांत यहां लगातार यादवों और पिछड़ों के साथ अल्पसंख्यकों को साधने में जुटे हैं। यहां दो लाख से अधिक यादव मतदाता हैं ऐसे में गठबंधन के सामने इस वोट को बिखरने से रोकना एक चुनौती है। 

Ajay kumar