आजमगढ़: दलितों पर पुलिस कार्रवाई से भड़की मायावती, पीड़ित परिजनों से मुलाकात करेगा BSP प्रतिनिधिमंडल

punjabkesari.in Tuesday, Jul 06, 2021 - 01:54 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आजमगढ जिले के रौनापार इलाके के पलियां गांव में पुलिस टीम पर हमला करने के आरोपियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को लेकर सियासत तेज हो गयी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने पुलिस कारर्वाई को दलित उत्पीड़न की जीवंत उदाहरण बताते हुये हकीकत से रूबरू होने के लिये अपना प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है।

मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया ‘‘ आजमगढ़ पुलिस द्वारा पलिया गांव के पीड़ित दलितों को न्याय देने के बजाय उनपर ही अत्याचारियों के दबाव में आकर खुद भी जुल्म-ज्यादती करना व उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाना अति-शर्मनाक। सरकार इस घटना का शीघ्र संज्ञान लेकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई व पीड़ितों की आर्थिक भरपाई करे।'  उन्होंने कहा कि अत्याचारियों व पुलिस द्वारा भी दलितों के उत्पीड़न की इस ताजा घटना की गंभीरता को देखते हुए बीएसपी का एक प्रतिनिधिमण्डल पीड़ितों से मिलने शीघ्र ही गांव का दौरा करेगा।

गौरतलब है कि पिछले मंगलवार को क्षेत्र के पलिया गांव में डाक्टर के साथ मारपीट की घटना की जांच करने गये पुलिसकर्मियों पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था जिसमें दो सिपाही घायल हो गये थे। इस सिलसिले में पीड़ित डाक्टर और पुलिस की ओर से दो अलग अलग मामले दर्ज किये गये थे। पुलिस ने इस सिलसिले में 24 नामजद के साथ 115 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार ने बताया कि पुलिस पर हमले के आरोपी ग्राम प्रधान समेत अन्य दोषियों के खिलाफ सोमवार को गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। जल्द ही फरार आरोपियों की संपत्ति कुर्क की जायेगी।  इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को रौनापार इलाके में पुलिस पर हमले के दोषी ग्रामीणों पर पुलिस कार्रवाई का विरोध जताते हुये इसे दलित विरोधी मानसिकता का परिचायक करार दिया।

Content Writer

Ramkesh