UP Nikay Chunav को लेकर मायावती ने की बैठक, 14 अप्रैल तक प्रत्याशियों के चयन का दिया निर्देश

punjabkesari.in Sunday, Apr 02, 2023 - 02:58 PM (IST)

लखनऊ (अश्वनी कुमार सिंह): उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले निकाय चुनाव (body elections) को लेकर सभी सियासी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। सभी दलों ने चुनाव में जीतने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर ली है। इसे लेकर बसपा (Bahujan samaj party) सुप्रीमो मायावती ने राजधानी लखनऊ में प्रदेश के  75 जिलों के जिला अध्यक्ष और पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बैठक की । उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 14 अप्रैल तक निकाय चुनाव के प्रत्याशियों का चयन कर लिया जाए। मायावती ने कहा कि  राज्य के ताजा हालात ठीक नहीं है।  बसपा ही एक ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो भाजपा को हरा सकती है। उन्होंने कहा कि जब- जब समाजवादी पार्टी कमजोर हुई है। तब भाजपा मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि  यूपी में दिन-प्रतिदिन की विकट समस्याओं से ग्रस्त करोड़ों लोगों के जीवन में बेहतरी के लिए बीएसपी ही एकमात्र आशा की किरण है।  उन्होंने कहा कि पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने हेतु पार्टी के लोगों तन, मन धन से निकाय चुनाव में जुट जाए।

उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में उम्मीदवारों का चयन काफी सोच-समझकर करने तथा उन्हीं लोगों को प्राथमिकता देने की बात कही जो  निजी स्वार्थ लाभ में डूबे रहने के बजाय अपने क्षेत्र के लोगों के हित व कल्याण तथा क्षेत्र के विकास में रूचि रखते हों ताकि उनके जीतने का लाभ स्थानीय लोगों को आगे मिलना सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि चुनावों में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग तथा विरोधी पार्टियों के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि घिनौने हथकण्डों से भी खुद को बचने के साथ-साथ लोगों को भी इससे बचाने जैसी परिपक्वता के साथ चुनाव जीतने के लिए मुस्तैदी ज़रूरी है।

उन्होंने कहा कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल कानून व्यवस्था तथा इससे उत्पन्न अराजकता आदि की विकट समस्याओं से निपटने को सरकार द्वारा उचित महत्त्व नहीं दिया जाना अति-चिन्ताजनक है। इससे देशहित प्रभावित, अतः इस पर वोट व धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर देश व संविधान हित में कार्य हो तो बेहतर होगा। सरकार में शहर सुविधाविहीन व दुर्दशा किन्तु घोषणाओं व बयानबाजी में 'स्मार्ट सिटी' कहला रहे हैं तथा महंगाई, गरीबी व बेरोज़गारी आदि के कारण गांवों के हालात खराब हैं। उन्होंने कहा कि  सरकार में सब कुछ ठेका ठेका पर अस्थाई कर दिए जाने से इस ठेकाप्रथा के कारण स्थाई नौकरी अब लोगों के लिए दूर का सपना देश व जनहित के विरुद्ध हालात बन गए हैं।

मायावती ने कहा कि दलित समाज मजबूत चट्टान की तरह बी. एस. पी पार्टी व मूवमेन्ट के साथ हमेशा खड़ा रहा है। सपा जैसी पार्टियों के वोट बैंक खिसकते रहे हैं तथा जिससे ही बीजेपी यूपी में मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि बीएसपी विरोधी दुष्प्रचार व हथकण्डों से बचना है।  यूपी में निकाय चुनाव में खासकर ओबीसी वर्ग के हित, कल्याण तथा इनके आरक्षण, बेरोजगारी तथा खेती संकट आदि को लेकर भाजपा व इनकी सरकार पूरी तरह से कठघरे में है तथा इनकी हालत डांवाडोल है, वहीं समाजवादी पार्टी भी दलित, अति पिछड़े व मुस्लिम समाज के हित व जान-माल की सुरक्षा के मामले में ढुलमुल नीति व छलावापूर्ण रवैये के कारण पूरी तरह से बैकफुट पर हैं।

उन्होंने कहा कि कांशीराम के नाम को भुनाने की नई पैतरेबाजी शुरू कर दी हैं, जबकि सपा का दलितों, अति पिछड़ी जातियों तथा इनके मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर और साथ ही स्वंय मान्यवर कांशीराम के प्रति एहसान फरामोशी व इनका राजनीतिक द्वेष एवं जातिवादी विद्वेष का लम्बा इतिहास पूरी तरह से लोगों के सामने है, जिसके लिए उन्हें कभी माफ नहीं किया जा सकता है।  उन्होंने कार्यकताओं को विश्वास दिलाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में भाजपा को बीएसपी हरा देगी।
 

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Ramkesh