SP-BSP गठबंधन पर ब्रह्म दत्त द्विवेदी के बेटे का हमला- सत्ता के लिए किसी से भी हाथ मिला सकती है माया

punjabkesari.in Tuesday, Jan 15, 2019 - 06:27 PM (IST)

फर्रुखाबादः बसपा सुप्रीमो मायावती की जिंदगी में शायद अगर सबसे बुरा दिन रहा है तो वह गेस्ट हाऊस कांड वाला दिन। 25 साल पुरानी दुश्मनी छोड़ मायावती ने राजनीतिक कारणों के लिए भले ही उस दिन को भुलाकर सपा से गठबंधन कर आगे बढ़ने की पहल की हों, लेकिन विपक्ष अब इस मुद्दे को भुनाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। दरअसल, उस कांड वाले दिन मायावती को बचाने वाले बीजेपी विधायक स्व. ब्रह्म दत्त द्विवेदी के बेटे मेजर सुनील दत्त द्विवेदी को सपा-बसपा गठबंधन रास नहीं आया है। जिसके चलते उसने बसपा सुप्रीमो पर करारा प्रहार करते हुए कहा है कि मायावती ने उसके पिता के एहसान को भुलाकर दुश्मन के बेटे से हाथ मिला लिया है।

सुनील ने कहा है कि वह इस गठबंधन के खिलाफ पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर भाजपा नेता ब्रह्म दत्त द्विवेदी के मायावती पर एहसान को याद दिलाऊंगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 1995 में स्टेट गेस्ट हाउस में जब समाजवादी पार्टी के गुंडों ने मायावती पर जानलेवा हमला किया था तब भाजपा के कद्दावर नेता स्व. ब्रह्म दत्त द्विवेदी ने अपनी जान को हथेली पर रखकर मायावती की जान बचाई थी। इस घटना के बाद से मायावती ब्रह्म दत्त द्विवेदी को भाई मानती थी और मुझे भतीजा, लेकिन आज मायावती ने पिता के एहसान को भुलाकर उनके हत्यारे के सरंक्षण दाता से हाथ मिलाया है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती सत्ता के लिए किसी से भी  हाथ मिला सकती है । उनके इस गठबंधन के खिलाफ हम पूरे प्रदेश में उनकी असलियत बताएंगे।

बता दें कि 1995  में हुए गेस्टहाउस काण्ड को भारत की राजनीती के माथे पर कलंक बताया जाता है। बताया जाता है कि उस समय सपा कार्यकर्ताओं ने मायावती को गेस्ट हाउस में बंद कर जान से मारने की कोशिश की थी। उस दौरान बीजेपी विधायक ब्रह्म दत्त द्विवेदी ने उनकी जान बचाई थी।

 

Ruby