आकाश आनंद का बचाव या पुरानी भड़ास! बीजेपी, कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर भड़कीं मायावती

punjabkesari.in Monday, Apr 28, 2025 - 08:22 PM (IST)

Lucknow News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को कहा कि विपक्षी दल सर्व समाज में लोकप्रिय उनकी पार्टी की छवि को धूमिल करने की जुगत में हर समय तैयार रहते हैं।

 

मायावती के सोशल मीडिया पोस्ट पर एक नजर
मायावती ने एक्स पर लिखा “ देश के दलित व अन्य उपेक्षितों के हितैषी बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवाँ को सत्ता की मंज़िल तक पहुँचाने के मिशन में तत्पर बी.एस.पी. में कार्यरत लोगों के आने-जाने में कुछ भी निजी नहीं बल्कि यह पार्टी व मूवमेन्ट के हित पर पूर्णतः निर्भर। साथ ही, विरोधी पार्टियों के षड्यन्त्र के तहत् पार्टी के कुछ लोग, उनके बहकावे में आकर जब अपनी ख़ुद की पार्टी को कमज़ोर करने में लग जाते हैं, या फिर पार्टी में अनुशासनहीनता अपनाने व परिपक्वता के साथ कार्य ना करने के कारण तब उन्हें मजबूरी में, पार्टी हित में निकालना पड़ता है।”

मायावती ने आगे कहा कि जब वही लोग अपनी गलती का एहसास कर बसपा में लौटते हैं, तो कांग्रेस और बीजेपी जैसे विरोधी दल इसे ‘आया राम या गया राम’ कहकर बसपा की छवि धूमिल करने की कोशिश करते हैं। जबकि जब यही काम वे खुद करते हैं, तो उसे ‘पार्टी हित में लिया गया फैसला’ बताकर टाल देते हैं। वहीं अपने अंतिम पोस्ट में उन्होंने विपक्षी दलों के इस व्यवहार को दोहरा मापदंड करार दिया और पार्टी कार्यकर्ताओं से सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि विरोधी बसपा को बदनाम करने के हर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पार्टी का मुख्य लक्ष्य अपने मिशन और मूवमेंट को मजबूत बनाए रखना है।

जानकारों की मानें तो ये पोस्ट हालिया बनी परिस्थियों के कारण
ये कहना फिलहाल तो मुश्किल है कि ये मायवती का ये पोस्ट आकाश आनंद के बचाव को लेकर है या किसी पुरानी बात को लेकर उनका गुस्सा विरोधी पार्टियों पर फूटा है। जानकारों की मानें तो ये पोस्ट हालिया बनी परिस्थियों के कारण हैं। जानकारों के अनुसार उनके इन पोस्ट्स का सीधा संबंध उनके भतीजे आकाश आनंद से है। हाल ही में आकाश आनंद के पार्टी छोड़ने और फिर माफी के बाद दोबारा बसपा में शामिल होने के घटनाक्रम के चलते विपक्षी दल सवाल उठा रहे थे।

गौरतलब है कि फरवरी से मार्च के बीच आकाश आनंद ने पार्टी से दूरी बनाई थी। हालांकि बाद में मतभेद सुलझने के बाद उन्हें वापस ले लिया गया। फिलहाल उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है। इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस, बीजेपी और अन्य विपक्षी दल लगातार बसपा पर निशाना साध रहे थे, जिस पर मायावती ने अब अपना पक्ष स्पष्ट किया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इन्हीं के चलते मायावती ने अपनी बात सोशल मीडिया पर व्यक्त की है।

 


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Content Editor

Mamta Yadav

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