दलित महिलाओं से बलात्कार पर मायावती अपने दिन याद करें: डॉ0 निर्मल

punjabkesari.in Thursday, Oct 01, 2020 - 07:04 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम और डॉ. आंबेडकर महासभा के अध्यक्ष डॉ0 लालजी प्रसाद निर्मल ने आरोप लगाया कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम को संशोधित करते हुए ये आदेश भी जारी किए थे।  दलित महिलाओं के साथ बलात्कार होने पर सीधे एफआईआर दर्ज न की जाए।  डॉ0 निर्मल ने गुरूवार को यहां बयान जारी कर कहा कि दलित महिलाओं से बलात्कार पर मायावती अपने दिन याद करना चाहिए। उन्होंने अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम को संशोधित करते हुए ये आदेश भी जारी किए थे कि दलित महिलाओं के साथ बलात्कार होने पर सीधे एफआईआर दर्ज न की जाए। वरना इसकी मुुख्य चिकित्सा अधिकारी से जांच करायी जाय। 

 उन्होंने कहा कि सुत्री मायावती को ये बताना चाहिए कि उन्होंने ये आदेश क्यों जारी किया था। क्या बसपा अध्यक्ष को महिलाओं के बलात्कार के आरोप पर विश्वास नहीं हैं। डॉ. निर्मल ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जहां दलितों की झोपड़यिों को जलाने वाले, उनका उत्पीड़न करने वाले लोगों के विरुद्ध जौनपुर, आजमगढ़, लखीमपुर में रासुका लगाई गई है। हाथरस, बुलंदशहर और बलरामपुर में रेप के आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करवाया। एसआईटी जांच और फास्ट ट्रैक के आदेश दिए गए। उन्होंने कहा कि सुश्री मायावती को ये भी जवाब देना चाहिए कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कितने दलित उत्पीड़कों के विरुद्ध रासुका लगाया।

दलितों के घुर विरोधी मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे कुख्यात माफियाओं को राजनैतिक शरण किसने दी। आज जब उनकी संपत्तियों पर बुलडोजर चल रहा है, तो बसपा अध्यक्ष को परेशानी हो रही है। डॉ0 निर्मल ने कहा कि आज जब प्रदेश में दलितों का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है। उन्हें आवास समेत सरकारी मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं, तो सुश्री मायावती बेचैन हो रही हैं। बसपा अध्यक्ष ने अपने कार्यकाल में दलितों को दरिद्र बनाने का काम किया। उनके पास दलितों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कोई योजना नहीं थी, वरन उनके पास खुद को दौलत का पहाड़ खड़ा करने की चाहत थी, जो उन्होंने अपने कार्यकाल में पूरा कर लिया था। उन्होंने कहा कि सुश्री मायावती ने अपने कार्यकाल में दलितों को दरिद्र बनाया और खुद दौलत के पहाड़ पर बैठ गईं।

Ramkesh