मायावती बोलीं- राष्ट्रीय स्तर पर जातिवार जनगणना से ही दलितों और पिछड़ों को मिलेगा वाजिब हक
punjabkesari.in Tuesday, Oct 03, 2023 - 01:20 PM (IST)

Lucknow News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बिहार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी जातिवार जनगणना कराए जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि दलितों और पिछड़ों को उनका वाजिब हक तभी मिलेगा जब केन्द्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर जातिवार जनगणना कराएगी।
1. बिहार सरकार द्वारा कराए गए जातीय जनगणना के आँकड़े सार्वजनिक होने की खबरें आज काफी सुर्खियों में है तथा उस पर गहन चर्चाएं जारी है। कुछ पार्टियाँ इससे असहज ज़रूर हैं किन्तु बीएसपी के लिए ओबीसी के संवैधानिक हक के लम्बे संघर्ष की यह पहली सीढ़ी है।
— Mayawati (@Mayawati) October 3, 2023
2. बीएसपी को प्रसन्नता है कि देश की राजनीति उपेक्षित ’बहुजन समाज’ के पक्ष में इस कारण नया करवट ले रही है, जिसका नतीजा है कि एससी/एसटी आरक्षण को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने तथा घोर ओबीसी व मण्डल विरोधी जातिवादी एवं साम्प्रदायिक दल भी अपने भविष्य के प्रति चिन्तित नजर आने लगे हैं।
— Mayawati (@Mayawati) October 3, 2023
मायावती ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर की गई सिलसिलेवार पोस्ट में कहा कि, ''बिहार सरकार द्वारा करायी गयी जातीय जनगणना के आँकड़े सार्वजनिक होने की खबरें आज खासी सुर्खियों में हैं तथा उस पर गहन चर्चाएं जारी हैं। कुछ पार्टियां इससे असहज ज़रूर हैं मगर बसपा के लिए ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के संवैधानिक हक के लंबे संघर्ष की यह पहली सीढ़ी है।''
3. वैसे तो यूपी सरकार को अब अपनी नीयत व नीति में जन भावना व जन अपेक्षा के अनुसार सुधार करके जातीय जनगणना/सर्वे अविलम्ब शुरू करा देना चाहिए, किन्तु इसका सही समाधान तभी होगा जब केन्द्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना कराकर उन्हें उनका वाजिब हक देना सुनिश्चित करेगी।
— Mayawati (@Mayawati) October 3, 2023
मायावती ने इसी सिलसिले में की गई एक अन्य पोस्ट में कहा, ''वैसे तो उत्तर प्रदेश सरकार को अब अपनी नीयत व नीति में जनभावना और जन अपेक्षा के अनुसार सुधार करके जातीय जनगणना/सर्वे अविलम्ब शुरू करा देना चाहिए, किन्तु इसका सही समाधान तभी होगा जब केन्द्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना कराकर उन्हें उनका वाजिब हक देना सुनिश्चित करेगी।''
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बसपा प्रमुख ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ''बसपा को प्रसन्नता है कि देश की राजनीति उपेक्षित 'बहुजन समाज' के पक्ष में नयी करवट ले रही है, जिसका नतीजा है कि एससी/एसटी आरक्षण को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने तथा घोर ओबीसी व मण्डल विरोधी जातिवादी एवं साम्प्रदायिक दल भी अपने भविष्य के प्रति चिंतित नजर आने लगे हैं।'' बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले गत सोमवार को अपने बहुप्रतीक्षित जातिवार सर्वेक्षण के आंकड़े जारी किए थे। इसके मुताबिक ओबीसी और अत्यंत पिछड़े वर्गों की राज्य की कुल आबादी में 63 प्रतिशत हिस्सेदारी है। आंकड़ों के अनुसार, बिहार की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है, जिसमें से अत्यंत पिछड़ा वर्ग (36 प्रतिशत) सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग है, इसके बाद अन्य पिछड़ा वर्ग 27.13 प्रतिशत है।