मायावती ने योगी को भेजा खत, कहा-13ए माल एवेन्यू मेरा सरकारी आवास नहीं

punjabkesari.in Friday, May 25, 2018 - 04:09 PM (IST)

लखनऊः सुप्रीम कोर्ट के सरकारी आवास खाली करने के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों की नींद उड़ गई है। इन दिनों सभी पूर्व मुख्यमंत्री अपना आवास बचाने और नए आवास की तलाश करने की जुगत में लगे हैं। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अपना सरकारी आवास बचाने के लिए एक पैंतरा खेला था, लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। शुक्रवार मायावती ने सीएम योगी को पत्र लिखकर बताया है कि 13 ए माल एवेन्यू तो उनका सरकारी आवास है ही नहीं। उनका सरकारी आवास तो 6, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग है और वह इसे जल्द ही खाली कर देंगी।

सतीश चंद्र मिश्रा ने CM योगी से की मुलाकात 
जानकारी के मुताबिक मायावती के इस पत्र को लेकर शुक्रवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्रा और लालजी वर्मा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले। मायावती के प्रतिनिधि के रूप में एनेक्सी पहुंचे दोनों नेताओं ने सीएम योगी को पत्र सौंपकर बसपा शासनकाल में हुए कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी।

पत्र में मायावती ने लिखी ये बातें 
पत्र में मायावती ने लिखा है कि 13 जनवरी 2011 में (बसपा शासनकाल) 13 माल एवेन्यू कांशीराम जी यादगार स्थल घोषित किया जा चुका है। उसके कुछ भाग में मुझे इस उद्देश्य से रहने की अनुमति दी गई थी कि इस स्थल का रखरखाव एवं सुरक्षा मेरी देखभाल में हो सके। उन्होंने कहा है कि 23 दिसंबर 2011 में राज्य संपत्ति विभाग ने  6, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग क़ो उन्हें आवास के रूप में आवंटित किया था। इसलिए मैं इसे खाली कर विभाग को सौंप दूंगी।

मायावती ने बंगला खाली करने का मांगा समय
इसके आगे मायावती लिखती हैं कि कांशीराम यादगार स्थल का रखरखाव जो प्राईवेट कर्मी करते थे वह मेरे ही बंगले में रहकर करते थे लेकिन अब जो मेरा निजी मकान है, उसमें इतनी जगह नहीं है कि मैं इन कर्मियों को रख सकूं। इसलिए इनके ठहरने की व्यवस्था करने तक मुझे समय दिया जाए।

कांशीराम यादगार विश्राम स्थल की देखरेख का भी किया अनुरोध 
मायावती ने ये भी अनुरोध किया है कि श्री कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल की देखरेख और सुरक्षा राज्य संपत्ति विभाग करे और अगर किसी तरह की दिक्कत विभाग को होती है तो पहले की तरह ही बसपा को इसके लिए अधिकृत करे। 
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन आवास देने के कानून को रद्द कर दिया था। जिसके बाद राज्य सम्पत्ति विभाग ने प्रदेश के छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला 15 दिन में खाली करने के लिए नोटिस जारी किया था। इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने बंगले 13ए-माल एवेन्यू पर ‘श्री कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल’ का बोर्ड लगाकर यह बताने का प्रयास किया है कि उनका बंगला कांशीराम के अनुयाइयों की स्मृतियों से जुड़ा है। लेकिन, राजस्व विभाग ने मामले पर सीधा जवाब देते हुए कहा कि सिर्फ बोर्ड लगा देने से शीर्ष अदालत के आदेश पर अमल कराने में कोई बाधा नहीं है। उन्हें हर हाल में सरकारी आवास खाली ही करना होगा।

Ruby